94000 शिक्षकों की भर्ती को लेकर तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर हमला बोला है. तेजस्वी बुधवार को धरना स्थल पर आंदोलकारी शिक्षकों के बीच भी पहुंचे. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि शिक्षा मंत्री अपने घर में क्यों दुबके बैठे है? दो-दो उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री 94000 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर क्यों नहीं बोल रहे हैं?
एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने कहा कि स्वीकृत धरना स्थल पर प्रदर्शन करना आंदोलनकारियों का लोकतांत्रिक अधिकार है. सरकार कैसे उन्हें अनुमति नहीं दे सकती? प्रशासन कैसे निर्दोष युवाओं,महिलाओं और दिव्यांगों पर लाठीचार्ज कर सकता है? हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद क्यों 94000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा?
वादानुसार आज प्रशासन ने गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों को अनुमति नहीं दी जिसके चलते सभी अभ्यर्थी टिकट लेकर इको पार्क पहुंच गए। शाम को वहाँ पहुँचा और मुख्य सचिव, डीजीपी और डीएम से बात कर अनुमति मिलने के बाद रात्रि में पैदल मार्च कर उन्हें दोबारा धरना स्थल पर पहुँचा कर आया। https://t.co/zmrfyeySBm pic.twitter.com/hBhIfu2abr
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 20, 2021
प्रदर्शन की इजाजत नहीं मिलने पर धरनास्थल पहुंचे तेजस्वी
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि वादानुसार आज प्रशासन ने गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों को अनुमति नहीं दी, जिसके चलते सभी अभ्यर्थी टिकट लेकर इको पार्क पहुंच गए. शाम को वहां पहुंचा और मुख्य सचिव, डीजीपी और डीएम से बात कर अनुमति मिलने के बाद रात्रि में पैदल मार्च कर उन्हें दोबारा धरना स्थल पर पहुंचा कर आया. पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई और कारवाई हमारा मुख्य मुद्दा है. मैं सदा बेरोजगारों, छात्रों, शिक्षकों, नौजवानों और किसानों के समर्थन में हूं और रहूंगा.
तेजस्वी ने मंगलवार को ट्वीट किया था कि नियुक्ति की आस में पटना में धरना प्रदर्शन कर रहे 94000 शिक्षक अभ्यर्थियों पर नीतीश कुमार द्वारा बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज करा रात्रि में उनकी रसोई और पंडाल को उखड़वाना घोर अलोकतंत्रिक और निंदनीय है.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि भी आंदोलनकारियों से मुलाकात में अधिकारियों से बात कर गिरफ्तार आंदोलनकारी नेताओं को छोड़ने, केस वापस लेने और प्रदर्शनकारियों को वापस धरना स्थल भेजने का आश्वासन मिला है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं स्वयं धरना स्थल जाऊंगा. सरकार कब तक बेरोजगारों को सड़क पर रख लाठीचार्ज करती रहेगी?
क्या है मामला
शिक्षा विभाग ने 15 जून 2020 को जारी अपने आदेश में बताया कि 94000 शिक्षक बहाली प्रक्रिया में डीएलएड कोर्स पास उम्मीदवारों का ही आवेदन लिया जाएगा और दिसंबर 2019 में पास हुए कम्बाइन्ड टीईटी अभ्यार्थियों को नियोजन कार्यक्रम में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा. जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने आदेश को निरस्त करने की मांग हाईकोर्ट से की थी.
हालांकि पटना हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर 2020 को मामले में सुनवाई करते हुए इस रोक को हटा दिया था. आदेश में कोर्ट ने कहा था कि 23 नवंबर 2019 के पहले सीटीईटी परीक्षा में पास उम्मीदवार भी बहाली प्रक्रिया में शामिल होंगे. कोर्ट ने सरकार को दिए फैसले में कहा कि वे शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया तेजी से पूरी करें.
हाई कोर्ट दे चुका है भर्ती के आदेश
सरकार ने 15 जून 2020 को एक आदेश पारित करते हुए कहा कि दिसंबर 2019 में सीटीईटी पास उम्मीदवार इस परीक्षा में भाग नहीं ले सकते हैं. सरकार का कहना था कि इस विज्ञापन के बाद बदलाव कैसे किया जा सकता है याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इस परीक्षा से पूरे राज्य में 94 हजार शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया चल रही हैं.
एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों के 18 महीने का डीएलएड कोर्स पास शिक्षकों को भी इस नियोजन प्रक्रिया में आवेदन करने का अधिकार पटना हाई कोर्ट ने दिया था. आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने नई अधिसूचना जारी कर डीएलएड उम्मीदवारों समेत दिसंबर 2019 में उत्तीर्ण हुए कंबाइंड टीईटी उम्मीदवारों को भी आवेदन देने का मौका दिया था.