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निर्धारित मापदंड से कम परिणाम आने पर सीसीए नियम के तहत जिम्मेदार शिक्षक व संस्था प्रधान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई

भास्कर संवाददाता | कुचामन सिटी शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए कमर कस ली है। सत्र 2018-19 में प्रदेशभर में ऐसी स्कूलों को चिह्नित किया गया है जिनका कक्षा 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम निर्धारित मापदंडों से न्यून रहा है।
इन स्कूलों के संस्था प्रधान के खिलाफ बीकानेर निदेशालय की ओर से दंडात्मक आदेश जारी करने की कार्रवाई की जाएगी।

बीकानेर निदेशालय के निर्देश पर जारी गाइड लाइन के तहत मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा हर जिले में बोर्ड परीक्षा सुधारने के लिए आवश्यक कार्रवाई को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। इसके तहत कक्षा 10वीं में 50 प्रतिशत व 12वीं में 60 प्रतिशत से कम अंक लाने वाली स्कूलों की सूची तैयार की है। हर विद्यालय के लिए प्रभारी नियुक्त किया जारहा है जिसे हर सप्ताह संबंधित विद्यालय का संबलन कर रिपोर्ट ऑनलाइन शाला दर्पण पर अपलोड करनी है। वहीं इसकी हार्ड कॉपी कार्यालय को भी भेजनी होगी। न्यून परिणाम पर तय जवाबदेही में जिम्मेदार यदि स्कूल में संबंधित विषय में शिक्षक के रिक्त पद का हवाला देता है तो परिस्थिति के अनुसार वह कार्रवाई से बच सकेगा। वरना निर्धारित दंडात्मक आदेश के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

प्रमोशन और इंक्रीमेंट रोकने की होगी कार्रवाई

निर्धारित मापदंड से कम परिणाम आने पर सीसीए नियम के तहत जिम्मेदार शिक्षक व संस्था प्रधान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। बीकानेर निदेशालय की ओर से संबंधित के खिलाफ आरोप पत्र जारी होगा। यह एक तरह का दंडात्मक आदेश होगा जिसमें जिम्मेदार बीकानेर निदेशालय में पेश होकर अपना पक्ष रखेगा। सुनवाई के दौरान पहली बार आरोपी पाए जाने पर प्रमोशन रोकना, दूसरी और तीसरी बार में इंक्रीमेंट रुकने जैसे दंड दिए जाएंगे। इसके पीछे उद्देश्य है कि संस्था प्रधान सतर्क रहें और अपनी जिम्मेदारियां समझकर स्कूल का परिणाम बेहतर दें। 

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