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नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी, ‘समान काम के लिए समान वेतन’ की मांग को हाईकोर्ट ने सही ठहरा

राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है।पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग सही है।

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने ने अपने फैसले में कहा है कि समान कार्य के लिए सरकार द्वारा समान वेतन नहीं देना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
मालूम हो कि मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
नियोजित शिक्षकों की ओर से वरीय अधिवक्ताओं राजेंद्र प्रसाद सिंह, पीके शाही, विश्वनाथ प्रसाद सिन्हा ने शिक्षकों को मिल रहे वेतन में भेदभाव करने का आरोप लगाया था। वहीं, सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति सरकार नहीं करती है। इसलिए समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत नियोजित शिक्षकों पर लागू नहीं होगा।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया था कि सूबे के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकों से समान कार्य तो लिया जा रहा है, लेकिन वेतन समान नहीं दिया जा रहा है। नियोजित शिक्षकों का वेतन विद्यालय में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों से भी कम है।

हाईकोर्ट के फैसले का शिक्षक संघों ने स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत करार दिया है।

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