लखीसराय। जिले में प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों की प्रधानाध्यापक
के पद पर दी गई प्रोन्नति में गड़बड़ी नजर आ रही है। तत्कालीन डीपीओ श्याम
बाबू राम ने जिले के 147 शिक्षकों को प्रोन्नति दी थी। जिसमें छह
प्रधानाध्यापक को डीडीओ बनाया गया है। डीपीओ स्थापना विजय कुमार मिश्रा ने
एक वर्ष पूर्व दी गई प्रोन्नति की जांच नए सिरे से शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार उक्त प्रोन्नति में खेल हुआ है। प्रोन्नति प्राप्त करने वाले शिक्षकों में दर्जनों ऐसे हैं जिसने एक ही सत्र में बीए, एमए की पढ़ाई के साथ-साथ ट्रे¨नग का सर्टिफिकेट विभाग के पास जमा किया है। श्याम बाबू राम के तबादले के बाद विजय कुमार मिश्रा ने स्थापना डीपीओ की कमान संभाली। कई शिक्षकों ने प्रोन्नति मामले में अनियमितता की शिकायत की। डीपीओ ने इस पर संज्ञान लिया और पुरानी फाइल की जांच शुरू की। डीपीओ ने अब तक 23 प्रोन्नत शिक्षकों को नोटिस जारी कर सभी आवश्यक कागजात मांगा है। साथ ही डीपीओ ने जिले के सभी डीडीओ को निर्देश दिया है कि ऐसे शिक्षक जिनकी प्रोन्नति जांच की जानी है, उनको प्रोन्नत वेतनमान का भुगतान नहीं किया जाएगा।
बिना संचिका कैसे होगी जांच,उठ रहा है सवाल
तत्कालीन डीपीओ ने जिन 147 शिक्षकों को प्रोन्नति दी थी उसकी संचिका कार्यालय में नहीं है। बताया जाता है कि उक्त संचिका सेवानिवृत्त लिपिक उमेश्वर नाथ के कब्जे में है। विभाग के दर्जनों पत्र और विभागीय आदेश के बाद भी उक्त लिपिक ने कई महत्वपूर्ण संचिका और संपूर्ण प्रभार छह माह बाद भी नहीं सौंपा है। ऐसे में पूरे मामले की जांच करना डीपीओ के लिए चुनौती होगी।
शिक्षक प्रोन्नति मामले की होगी निष्पक्ष जांच: डीपीओ
डीपीओ, स्थापना विजय कुमार मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों को पूर्व में दी गई प्रोन्नति मामले को लेकर लगातार शिकायत मिल रही है। अब तक 23 मामले सामने आए हैं। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी। जांच में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। जिसके रिकार्ड सही होंगे उनको कोई परेशानी नहीं होगी। सेवानिवृत्त लिपिक उमेश्वर नाथ के विरुद्ध कार्रवाई के लिए आरडीडीई मुंगेर को पत्र लिखा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार उक्त प्रोन्नति में खेल हुआ है। प्रोन्नति प्राप्त करने वाले शिक्षकों में दर्जनों ऐसे हैं जिसने एक ही सत्र में बीए, एमए की पढ़ाई के साथ-साथ ट्रे¨नग का सर्टिफिकेट विभाग के पास जमा किया है। श्याम बाबू राम के तबादले के बाद विजय कुमार मिश्रा ने स्थापना डीपीओ की कमान संभाली। कई शिक्षकों ने प्रोन्नति मामले में अनियमितता की शिकायत की। डीपीओ ने इस पर संज्ञान लिया और पुरानी फाइल की जांच शुरू की। डीपीओ ने अब तक 23 प्रोन्नत शिक्षकों को नोटिस जारी कर सभी आवश्यक कागजात मांगा है। साथ ही डीपीओ ने जिले के सभी डीडीओ को निर्देश दिया है कि ऐसे शिक्षक जिनकी प्रोन्नति जांच की जानी है, उनको प्रोन्नत वेतनमान का भुगतान नहीं किया जाएगा।
बिना संचिका कैसे होगी जांच,उठ रहा है सवाल
तत्कालीन डीपीओ ने जिन 147 शिक्षकों को प्रोन्नति दी थी उसकी संचिका कार्यालय में नहीं है। बताया जाता है कि उक्त संचिका सेवानिवृत्त लिपिक उमेश्वर नाथ के कब्जे में है। विभाग के दर्जनों पत्र और विभागीय आदेश के बाद भी उक्त लिपिक ने कई महत्वपूर्ण संचिका और संपूर्ण प्रभार छह माह बाद भी नहीं सौंपा है। ऐसे में पूरे मामले की जांच करना डीपीओ के लिए चुनौती होगी।
शिक्षक प्रोन्नति मामले की होगी निष्पक्ष जांच: डीपीओ
डीपीओ, स्थापना विजय कुमार मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों को पूर्व में दी गई प्रोन्नति मामले को लेकर लगातार शिकायत मिल रही है। अब तक 23 मामले सामने आए हैं। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी। जांच में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। जिसके रिकार्ड सही होंगे उनको कोई परेशानी नहीं होगी। सेवानिवृत्त लिपिक उमेश्वर नाथ के विरुद्ध कार्रवाई के लिए आरडीडीई मुंगेर को पत्र लिखा गया है।