खगड़िया। शिक्षक नियोजन की पेंच में पूर्व बीडीओ रामप्रवेश प्रसाद,
तत्कालीन प्रखंड प्रमुख सुनीता देवी और तत्कालीन बीईओ अखिलेश कुमार यादव
फंस चुके हैं।
बताया जाता है कि वर्ष 2012 में इन तत्कालीन अधिकारी और प्रमुख के कार्यकाल में शिक्षक नियोजन में 27 का नियोजन फर्जी करार दिया गया है। साथ ही जांच कमेटियों ने इन अधिकारियों और प्रखंड प्रमुख पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। जिसके आलोक में नियोजन समिति ने कार्रवाई की अनुशंसा कर जिलाधिकारी को अवगत कराने का फैसला लिया है। बताते चलें कि आयकर विभाग का छापा भी परबत्ता में पदस्थापित रहने के समय बीडीओ रामप्रवेश प्रसाद के यहां पड़ा था। 27 शिक्षकों की बर्खास्तगी बाद वे फर्जी शिक्षक नियोजन की पेंच में फंस गए हैं। उनपर गाज गिरने की प्रबल संभावना है। इधर, कई लोगों ने उस समय हुए पूरे नियोजन की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। दूसरी तरफ बर्खास्त शिक्षकों के बीच हड़कंप मची है।
बताया जाता है कि वर्ष 2012 में इन तत्कालीन अधिकारी और प्रमुख के कार्यकाल में शिक्षक नियोजन में 27 का नियोजन फर्जी करार दिया गया है। साथ ही जांच कमेटियों ने इन अधिकारियों और प्रखंड प्रमुख पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। जिसके आलोक में नियोजन समिति ने कार्रवाई की अनुशंसा कर जिलाधिकारी को अवगत कराने का फैसला लिया है। बताते चलें कि आयकर विभाग का छापा भी परबत्ता में पदस्थापित रहने के समय बीडीओ रामप्रवेश प्रसाद के यहां पड़ा था। 27 शिक्षकों की बर्खास्तगी बाद वे फर्जी शिक्षक नियोजन की पेंच में फंस गए हैं। उनपर गाज गिरने की प्रबल संभावना है। इधर, कई लोगों ने उस समय हुए पूरे नियोजन की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। दूसरी तरफ बर्खास्त शिक्षकों के बीच हड़कंप मची है।