बक्सर। बिहार राज्य वित्तरहित शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ की
जिला इकाई की बैठक बुधवार को सिविल लाइन में संपन्न हुई।
इस दौरान वित्तरहित शिक्षानीति पर चर्चा हुई और सरकार से आह्वान किया गया कि वह इसे समाप्त करे। बैठक की अध्यक्षता डॉ.महेश दत्त ¨सह ने की। जबकि, संचालन सी पांडेय ने किया।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सरकार को यह जानकारी होनी चाहिए कि हम वित्तरहित अनुदानित महाविद्यालयों के पास भूमि, भवन, प्रयोगशाला व वाचनालय सभ कुछ सुव्यवस्थित ढंग से मौजूद है। राज्य सरकार इसका अधिग्रहण कर वित्तरहित शिक्षा नीति को समाप्त करते हुए शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन भुगतान समेत राज्य के गरीब छात्र-छात्राओं को उचित शिक्षण प्रदान करने में सक्षम होगी। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद बिहार राज्य संपोषित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी कल्याण संघ के महासचिव गणेश प्रसाद ने कहा कि संघ की एकजुटता बरकरार रही तो वित्तरहित शिक्षा नीति को पूर्णरूपेण समाप्त करके ही हम दम लेंगे। वहीं, मोहन पाठक ने कहा कि आठ अक्टूबर को पटना में आहूत राज्य स्तरीय सेमिनार से पहले ही हो सकता है वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त हो जाए। कार्यक्रम का समापन करते हुए पुरुषोत्तम मिश्रा ने सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। मौके पर मोहन पाठक, परमात्मा पाठक, दिनेशचंद्र चतुर्वेदी, संजय कुमार, रामाकांत, श्याम लाल मिश्रा, सत्यनारायण, नारायण ¨सह, शवदानी ¨सह, उमेश चंद्र त्रिपाठी, त्रिभुवन नारायण तिवारी, राजेश कुमार, प्रदीप पाठक, अमरनाथ ¨सह आदि मौजूद थे।
इस दौरान वित्तरहित शिक्षानीति पर चर्चा हुई और सरकार से आह्वान किया गया कि वह इसे समाप्त करे। बैठक की अध्यक्षता डॉ.महेश दत्त ¨सह ने की। जबकि, संचालन सी पांडेय ने किया।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सरकार को यह जानकारी होनी चाहिए कि हम वित्तरहित अनुदानित महाविद्यालयों के पास भूमि, भवन, प्रयोगशाला व वाचनालय सभ कुछ सुव्यवस्थित ढंग से मौजूद है। राज्य सरकार इसका अधिग्रहण कर वित्तरहित शिक्षा नीति को समाप्त करते हुए शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन भुगतान समेत राज्य के गरीब छात्र-छात्राओं को उचित शिक्षण प्रदान करने में सक्षम होगी। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद बिहार राज्य संपोषित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी कल्याण संघ के महासचिव गणेश प्रसाद ने कहा कि संघ की एकजुटता बरकरार रही तो वित्तरहित शिक्षा नीति को पूर्णरूपेण समाप्त करके ही हम दम लेंगे। वहीं, मोहन पाठक ने कहा कि आठ अक्टूबर को पटना में आहूत राज्य स्तरीय सेमिनार से पहले ही हो सकता है वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त हो जाए। कार्यक्रम का समापन करते हुए पुरुषोत्तम मिश्रा ने सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। मौके पर मोहन पाठक, परमात्मा पाठक, दिनेशचंद्र चतुर्वेदी, संजय कुमार, रामाकांत, श्याम लाल मिश्रा, सत्यनारायण, नारायण ¨सह, शवदानी ¨सह, उमेश चंद्र त्रिपाठी, त्रिभुवन नारायण तिवारी, राजेश कुमार, प्रदीप पाठक, अमरनाथ ¨सह आदि मौजूद थे।