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नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त लागू करने में सरकार हो रही फेल

साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त लागू करने की सरकार की घोषणा लगातार फेल हो रही है। सेवाशर्त के लिए 2015 में कमेटी बनी थी। दो वर्षों से सेवाशर्त का मामला अटका हुआ है।
सेवाशर्त लागू करने की लगातार तिथियां बदलती रहीं। महागठबंधन सरकार ने जुलाई के अंत तक शिक्षक संघों से बात कर सेवाशर्त का ड्राफ्ट फाइनल करने की बात कही, लेकिन यह तिथि बीत गई। अब 9 अगस्त को शिक्षक संघों से कमेटी बात करेगी। 12 शिक्षक संघों को 5-5 मिनट समय दिया गया है। शिक्षक संघों की सेवाशर्त संबंधित लिखित लाने के लिए भी कहा गया है।

12 जून को सेवाशर्त कमेटी की बैठक में तय किया गया था कि नियोजित शिक्षकों को तबादला और अन्य सुविधा दी जाए। सेवाशर्त नियमावली लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति मिलेगी। जिला स्तर पर नियोजन इकाई फाइनल होने की स्थिति में नियोजित शिक्षकों को अपने जिले में तबादला का मौका मिलेगा। अभी राज्य में पंचायत से लेकर जिला परिषद स्तर तक 21 प्रकार की नियोजन इकाइयां हैं। वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में सेवाशर्त के लिए कमेटी बनाई गई थी।

एसीपी प्रोन्नति का मिलेगा लाभ

महागठबंधनसरकार में शिक्षामंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने 21 जुलाई को शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित विधान पार्षदों से बैठक में भी घोषणा की थी कि 28 जुलाई शिक्षक संघों से बात कर सेवाशर्त ड्राफ्ट फाइनल कर लिया जाएगा। कहा गया था कि शिक्षक संघों के नेताओं से सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी बात करेंगे। पहले नियोजित शिक्षकों की बहाली के लिए बनी नियमावली में पूरे सेवाकाल में एक बार अपने नियोजन इकाई के अंदर किसी स्कूल में तबादला का प्रावधान था। नई सेवाशर्त नियमावली लागू होने पर सेवाकाल में अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ही एसीपी और प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। सेवाशर्त निर्धारण में सेवा निरंतरता, ऐच्छिक स्थानांतरण, सेवाकालीन प्रशिक्षण, प्रोन्नति का अवसर एवं अनुशासनात्मक मुद्दों पर गाइडलाइन को भी अंतिम रूप दिया जाना है। राज्य में 42701 प्राथमिक स्कूल, 30176 मध्य विद्यालय और माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय 5391 हैं। राज्य में अभी 3.50 लाख नियोजित शिक्षक हैं। इसमें प्राथमिक स्कूलों में 3.23 लाख शिक्षक हैं।

शिक्षकों की कई समस्याओं का हो जाएगा समाधान

राज्यसरकार ने पिछले साल ही नियोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ दे दिया है। इससे अब इन्हें सरकार के अन्य राज्यकर्मियों की तरह लाभ मिलने की संभावना है। हालांकि, अभी के प्रावधानों से नियोजित शिक्षकों को नियोजन इकाई पंचायत, प्रखंड, जिला परिषद आदि होने से कई समस्याएं रही हैं। जिला या राज्य स्तर पर नियोजन इकाई तय होने की स्थिति में शिक्षकों की कई समस्याओं का समाधान स्वत: हो जाएगा। सेवाशर्त कमेटी की पहली बैठक पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हुई थी। वहीं दूसरी बैठक 27 अक्टूबर को हुई थी। अभी राज्य में लगभग 24 हजार स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। नई सेवाशर्त नियमावली लागू होने से इन पदों पर नियोजित शिक्षकों को भी प्रोन्नति का लाभ मिल सकेगा। सेवाशर्त निर्धारण के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी अध्यक्ष हैं। सदस्य सचिव शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन हैं। समिति में सदस्य के तौर पर वित्त, पंचायती राज और नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव या सचिव और महाधिवक्ता ललित किशोर भी शामिल हैं।

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