बच्चों की समझ के अनुसार अपनी समझ विकसित कर उन्हें विभिन्न तरीकों से समझाने की पद्धति हाईस्कूलों में लागू की जाएगी। यह जिम्मेवारी ट्रेनिंग कर चुके शिक्षक निभाएंगे।
सभी स्कूलों में यह नई पद्धति लागू हो। इसके लिए यहां से ट्रेनिंग करके जाने वाले शिक्षक अपने-अपने प्रखंडों में अन्य शिक्षकों को इसकी ट्रेनिंग देंगे।
ये बातें गुरुवार को डीईओ ललन प्रसाद सिंह ने इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम के समापन सत्र में कही। माध्यमिक शिक्षक संघ कार्यालय में चल रहे 10 दिवसीय ट्रेनिंग का समापन हो गया। इसमें अलग-अलग प्रखंडों से आए 40 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई। आरएमएस के रोहित कुमार ने बताया कि यह सहगामी प्रशिक्षण था।
इसमें शिक्षक को बच्चों की समझ विकसित कर उन्हें समझाने की ट्रेनिंग दी गई। शिक्षक के रूप में समझाने वाला कोई भी हो सकता है। अगर किसी बच्चे को अपने सहपाठी की बात सही तरीके से समझ में आ गई तो यहां वही बच्चा शिक्षक के रूप में होगा। ट्रेनिंग के दौरान शिक्षकों को इन सारी चीजों की जानकारी दी गई है। ट्रेनर के रूप में वही शिक्षक ही थे जिन्हें राज्य स्तर से ट्रेनिंग मिली थी।
सभी स्कूलों में यह नई पद्धति लागू हो। इसके लिए यहां से ट्रेनिंग करके जाने वाले शिक्षक अपने-अपने प्रखंडों में अन्य शिक्षकों को इसकी ट्रेनिंग देंगे।
ये बातें गुरुवार को डीईओ ललन प्रसाद सिंह ने इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम के समापन सत्र में कही। माध्यमिक शिक्षक संघ कार्यालय में चल रहे 10 दिवसीय ट्रेनिंग का समापन हो गया। इसमें अलग-अलग प्रखंडों से आए 40 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई। आरएमएस के रोहित कुमार ने बताया कि यह सहगामी प्रशिक्षण था।
इसमें शिक्षक को बच्चों की समझ विकसित कर उन्हें समझाने की ट्रेनिंग दी गई। शिक्षक के रूप में समझाने वाला कोई भी हो सकता है। अगर किसी बच्चे को अपने सहपाठी की बात सही तरीके से समझ में आ गई तो यहां वही बच्चा शिक्षक के रूप में होगा। ट्रेनिंग के दौरान शिक्षकों को इन सारी चीजों की जानकारी दी गई है। ट्रेनर के रूप में वही शिक्षक ही थे जिन्हें राज्य स्तर से ट्रेनिंग मिली थी।