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मांगों को लेकर शिक्षकों का प्रदर्शन

मुजफ्फरपुर। उच्च शिक्षा को निजी हाथों में देने का प्रयास चल रहा है। अब तो डेढ़ एकड़ जमीन में ही निजी विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी जा रही है। उक्त बातें रामदयालु सिंह महाविद्यालय शिक्षक संघ के तत्वाधान में आयोजित धरने को संबोधित करते हुए बुस्टा महासचिव डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहीं।

उन्होंने कहा कि गुणवत्ता का ख्याल किए बिना इस तरह निजी विश्वविद्यालय खोले जाएंगे तो बिहार के गरीब एवं सामान्य बच्चों को कैसे शिक्षा मिल सकेगी। अखिल भारतीय विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ के आह्वान पर बुस्टा की विभिन्न इकाइयों ने सप्तम वेतन पुनरीक्षण लागू करने में देरी व अन्य मांगों के समर्थन काला बिल्ला लगाकर धरना दिया। काला दिवस मनाया। सातवें वेतन पुनरीक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब इस संबंध में समिति की अनुशंसा के बाद भी राष्ट्रीय संगठन से कोई विमर्श नहीं किया गया। डॉ. राकेश कुमार सिंह ने सभी पार्ट टाइम और औपबंधिक शिक्षकों को वेतनमान देने की मांग की। डॉ. आनंद प्रकाश दुबे ने प्रोन्नति के मामले में रिफ्रेशर एवं ओरिएंटेशन कोर्स की बाध्यता की मांग की। मौके पर डॉ. रामकुमार, डॉ. आनंद प्रकाश दुबे, डॉ. एमएन रिजवी, सीनेटर डॉ. रमेश प्रसाद गुप्ता, डॉ. विकास नारायण उपाध्याय, डॉ. हरेंद्र प्रसाद यादव, डॉ. श्याम किशोर सिंह, डॉ. सत्येन्द्र ठाकुर, डॉ. पीके चौधरी, डॉ. श्याम बाबू शर्मा, डॉ. नीलम कुमारी, डॉ. इंद्रा कुमारी, डॉ. रंजना कुमारी, डॉ. नीरजा अस्थाना, डॉ. लक्ष्मी साह, डॉ. श्रुति, डॉ. मंजरी आनंद, डॉ.रेखा श्रीवास्तव, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. जाफर इमाम, डॉ. आलोक प्रताप सिंह, डॉ. सौरभ राज, डॉ. नीलिमा झा, अतुल और रंजीत आदि ने विचार व्यक्त किए।

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