पटना : मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को कदाचार मुक्त बनाने के
लिए इस बार कई प्रयास किये जा रहे हैं. इसके तहत एक तरफ नकल करनेवाले
परीक्षार्थियों को जेल भेजने व तीन साल तक बैन की कार्रवाई करने की पहल की
जा रही है. वहीं, पहली बार वीक्षकों पर भी कड़ी नजर रहेगी. इस बार
परीक्षार्थियों के साथ वीक्षकों के भी मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक होगी.
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अगर परीक्षा के दौरान वीक्षक भी मोबाइल का प्रयोग करते हुए पाये गये,
तो उन पर भी कार्रवाई की जायेगी. दूसरी ओर 18 साल से कम उम्र के
परीक्षार्थी को रिमांड हाेम भेजा जायेगा. ऐसे परीक्षार्थी के ऊपर बिहार
परीक्षा संचालन अधिनियम, 1981 के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. नकल करते
पकड़े जाने पर परीक्षार्थी को तीन साल तक के लिए परीक्षा देने पर बैन लग
सकता है. अभी तक एडमिट कार्ड पर ही यह निर्देश परीक्षार्थियों को मिलता
था, लेकिन इंटरमीडिएट 2017 की परीक्षा के दौरान परीक्षा हॉल के ब्लैक
बोर्ड पर ‘कदाचार किया, तो जायेंगे जेल’ लिखा होगा.
परीक्षा हॉल में जो भी शिक्षक वीक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे,
परीक्षा शुरू होने के पहले ब्लैक बोर्ड पर यह नोटिस लिख कर
रखेंगे. परीक्षा शुरू होने से पहले सेंटर की जांच परीक्षा केंद्र के पूरे
भवन की जांच परीक्षा शुरू होने से पूर्व होगी. समिति के अनुसार परीक्षा
कक्ष में रखी अलमारी के पीछे, दीवार में बनी अलमारी के ऊपरी खाने, रैक,
बेंच, डेस्क, आदि की जांच केंद्राधीक्षक करेंगे. अगर मजिस्ट्रेट या खुद
अध्यक्ष द्वारा जांच में किसी तरह की गड़बड़ी पायी जायेगी, तो
केंद्राधीक्षक पर भी कार्रवाई होगी. समिति से मिली जानकारी के अनुसार
परीक्षा के दौरान हर वीक्षक की ड्यूटी बांट दी जायेगी.
वीक्षक ड्यूटी के दौरान वहीं रहेंगे, जहां पर उन्हें रहने का निर्देश
होगा. परीक्षा केे दौरान वीक्षक को बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी, न
फोन का इस्तेमाल करने की होगी.
कदाचार रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम
परीक्षा में किसी तरह का कदाचार नहीं हो, इसके लिए पूरा इंतजाम किया
जा रहा है. मोबाइल का इस्तेमाल वीक्षक भी परीक्षा के दौरान नहीं कर
पायेंगे. हर वीक्षक को परीक्षा हॉल में ब्लैक बोर्ड पर कदाचार संबंधित
नोटिस लिखना है.
आनंद किशोर,अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
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