पटना: नियोजित शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच में प्रखंड प्रमुख, मुखिया समेत पंचायत सेवक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो सकती है. निगरानी को समय पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर प्रखंड प्रमुख, मुखिया व पंचायत सचिव पर एफआइआर दर्ज करायी जायेगी. इससे उनकी सदस्यता भी जा सकती है.
निगरानी की जांच से नियोजन इकाइयों में हड़कंप मच गया है. निगरानी विभाग नियोजन इकाइयों से बहाल नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशिक्षण संबंधी प्रमाणपत्रों की प्रति के साथ-साथ बहाली के समय लिये गये आवेदन और तैयार की गयी मेधा सूची की प्रति मांग रहा है. इससे नियोजन इकाइयों को ये दस्तावेज देने में परेशानी हो रही है. प्रखंड प्रमुख, मुखिया व पंचायत सेवक यहां तक कहने लगे हैं कि
निगरानी की जांच से नियोजन इकाइयों में हड़कंप मच गया है. निगरानी विभाग नियोजन इकाइयों से बहाल नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशिक्षण संबंधी प्रमाणपत्रों की प्रति के साथ-साथ बहाली के समय लिये गये आवेदन और तैयार की गयी मेधा सूची की प्रति मांग रहा है. इससे नियोजन इकाइयों को ये दस्तावेज देने में परेशानी हो रही है. प्रखंड प्रमुख, मुखिया व पंचायत सेवक यहां तक कहने लगे हैं कि