जिले के हाई स्कूलों में शिक्षकों के सामनुपातिक नियोजन की जरूरत है। अभी स्थिति यह है कि किसी हाई स्कूल में एक शिक्षक नहीं है तो किसी हाई स्कूल में एक विषय में कई शिक्षक पदस्थापित है। 62 पंचायतों में नये हाई स्कूल बन जाने से अब जिले में कुल 165 सरकारी हाई स्कूल हो गये है।
जानकारी अनुसार 46 पुराने हाई स्कूल, 59 को अपग्रेड एवं 60 स्कूलों में वर्ग नवम की पढ़ाई शुरू की गई है। सभी पंचायतों में हाई स्कूल के बनने से छात्रों की संख्या भी कम हो गई है और नामांकन में मारामारी भी कम होने लगी है। छात्रों की संख्या कम होने से बेहतर पढाई भी होने की संभावना है। वहीं छात्र अनुपात में शिक्षक भी होंगे। हालांकि अभी हाई स्कूल में छात्र अनुपात तहत शिक्षकों की घोर कमी है। शिक्षा विभाग कर्मी के अनुसार 40 छात्रों पर एक शिक्षक की जरूरत है। लेकिन की स्कूल में की विषय की शिक्षकों की दरकार है। जिले में कक्षा नौ से बारहवीं तक पूर्व के नामांकन के मुताबिक कुल 75819 छात्र छात्राएं नामांकित है। पंचायतों में हाई स्कूल बनने से अब लड़कियों को पढ़ाई में काफी सुविधा मिलने लगी है। पहले दूसरे पंचायत स्थित हाई स्कूल में पढ़ने जाने में लड़कियों को काफी परेशानी होती थी लेकिन अब आठवीं पास करते ही उसी स्कूल में नौवीं में सहज रूप से नामांकन होने लगा है। जिससे छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में काफी सहुलियत होने लगी है।
हाई स्कूलों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध : सभी हाई स्कूल में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। शौचालय, भवन, बेंच डेस्क, बोर्ड सहित अन्य सुविधाओं से हाई स्कूल को लैस किया गया है। जिससे छात्रों को पढ़ने में किसी तरह की असुविधा नहीं हो। डीईओ जयंशकर ठाकुर ने कहा कि जिले के सभी हाई स्कूल में सभी संसाधन उपलब्ध है। सभी पंचायतों में हाई स्कूल होने से स्थानीय छात्रों को काफी लाभ मिलेगा।