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जिन विभागों में छात्रों की संख्या दस या उससे कम है, के शिक्षक संबंधित विषय में दूसरी जगह पढ़ाने के लिए तैयार रहें

जिन विभागों में छात्रों की संख्या दस या उससे कम है, के शिक्षक संबंधित विषय में दूसरी जगह पढ़ाने के लिए तैयार रहें। टीएमबीयू जल्द ही ऐसे विषयों या विभागों के शिक्षकों को क्लब कर दूसरे विभाग या विषय या कॉलेज में प्रतिनियुक्त कर सकता है या मिलती-जुलती प्रकृति वाले विषयों को क्लब कर सकता है।
प्रभारी कुलपति प्रो. लीला चंद साहा ने कहा है कि यह व्यवस्था उन पीजी विभागाें में की जाएगी जहां पिछले एक-दो साल में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या दस से नहीं बढ़ी है। यह व्यवस्था अभी पीजी के स्तर पर की जाएगी। लेकिन अगर यह हालत कॉलेजों में चल रहे कोर्स या विषय में भी है तो वहां भी इसे अपनाया जाएगा।

छात्रों की संख्या की सही रिपोर्ट देने से बचता रहा है विवि

दरअसल, टीएमबीयू में कुछ ऐसे पीजी विभाग हैं जहां किसी एक सेमेस्टर में दस या उससे कम छात्र हैं। अपना अस्तित्व बचाने के लिए विभाग और कई बार विवि भी छात्रों की संख्या की सही रिपोर्ट देने से बचता रहा है। कम छात्रों वाले विभाग सेमेस्टर की जगह कुल संख्या दिखाते रहे हैं। जैसे किसी विभाग में किसी एक सेमेस्टर में पांच ही दाखिला हुआ है तो विभाग इसकी जानकारी देने की जगह एकसाथ चल रहे तीन-चार सेमेस्टर के सभी छात्राें की संख्या जोड़कर दिखाता है।

बार-बार के विरोध को देखते हुए कई वर्षों तक दबा रहा पूरा मामला

2008-09 में पहली बार शिक्षा विभाग के तत्कालीन सचिव केके पाठक ने दस या उससे कम छात्रों वाले विभागों को बंद करने को कहा था। लेकिन तब इसका शिक्षकों ने यह कहकर विरोध किया था कि विभाग बंद हो जाएंगे तो उसमें कार्यरत शिक्षकों का क्या होगा। पूर्व कुलपति ने चार पीजी विभागाें का उनके मूल विभागों में विलय कर दिया था तब भी जमकर विरोध किया गया था। बार-बार के विरोध को देखते हुए बाद के कई वर्षाें तक मामला दबा रहा। लेकिन अब राजभवन ने कहा है कि जहां कम छात्र और ज्यादा शिक्षक हैं, वहां के शिक्षकों को समायोजित या प्रतिनियुक्त किया जाए और अतिरिक्त पद विलोपित किए जाएं।

विभाग बंद करना मुश्किल, क्योंकि खुलने में होती है काफी परेशानी

प्रभारी कुलपति ने बताया कि विभाग बंद करना मुश्किल है क्योंकि इनके खुलने में भी काफी परेशानी होती है। इसलिए इसकी जगह शिक्षकों का समायोजन या प्रतिनियुक्ति की जाएगी और ऐसे मिलते जुलते विषयों- विभागों को क्लब कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे खराब स्थिति परसियन की है जहां एक-दो छात्र ही हैं। यहां के शिक्षक को टीएनबी कॉलेज भेजा जा सकता है। मैथिली के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि छात्राें की संख्या कुछ बढ़ी है। प्रो. साहा ने बताया कि स्नातक स्तर पर अगर छात्रों की संख्या कम है तो वहां भी विषयाें को क्लब किया जाएगा। 

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