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प्रवरण में 21 शिक्षकों की खारिज हुई है योग्यता

बक्सर । प्रवरण वेतनमान देने के दौरान जब विभाग ने शिक्षकों की स्नातक योग्यता को खारिज कर दिया तो फिर उन शिक्षकों के प्रोन्नति के लाभ को वह कैसे बरकरार रख सकता है। लेकिन, यहां विभाग ने ऐसा ही किया है।
पिछले साल प्रवरण वेतनमान देने के दौरान विभाग ने 21 शिक्षकों की स्नातक योग्यता को अमान्य करार देते हुए उनको प्रवरण वेतनमान देने से वंचित कर दिया। जबकि, उन्हीं शिक्षकों को वर्ष 2012 में दी गई प्रोन्नति के लाभ को वह बरकरार रखे हुए है। विभाग की यह कार्यशैली वित्तीय अनियमितता को इंगित करती है। इससे कोषागार की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। परन्तु विभाग को इसकी कोई ¨चता नहीं है। वह एक तरफ प्रवरण वेतनमान देने के दौरान स्नातक की योग्यता को अमान्य करते हुए 21 शिक्षकों को उसका लाभ तो नहीं देता है लेकिन, उन्हीं शिक्षकों के उसी योग्यता के आधार पर प्रोन्नति के लाभ को बरकरार रखता है। अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि विभाग एक साथ दोनों काम कैसे कर सकता है। यह तो वही बात हो गई कि जो मैट्रिक में फेल है उसे इंटर में पास कर दिया गया। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी रामेश्वर ¨सह कहते हैं कि प्रवरण वेतनमान सही दिया गया है। लगे हाथ वह यह भी कहते हैं कि इसमें आपत्ति मांगी जाएगी और उसका निराकरण किया जाएगा। लेकिन, सवाल खड़ा होता है कि प्रवरण वेतनमान देने के साल भर बाद अब विभाग कब आपत्ति मांगेंगा और कब उसका निराकरण करेगा। सबसे बड़ी बात कि प्रवरण वेतनमान देने के बाद जब मामला आरडीडीई के पास पहुंच जाता है तो डीईओ उसमें आपत्ति कैसे ले सकते हैं।

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