मुजफ्फरपुर : इंतजार की घड़ी खत्म होने के साथ ही अटकलों पर भी विराम लगने का वक्त आ गया है. आज से 39,034 परीक्षार्थियों के साथ ही जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भी इम्तिहान शुरू हो रही है. सबके सामने कदाचारमुक्त परीक्षा करा पिछले सारे दाग धोने की चुनौती है.
बोर्ड के अधिकारियों ने ही सारे किये-धरे पर पानी फेर दिया. दरअसल, पिछले साल से बिहार बोर्ड की परीक्षा में नकल रोकने को लेकर सरकार के तेवर काफी सख्त हैं. इसको लेकर प्रशासन व विभाग ने रणनीति तैयार की है. परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने के साथ ही सभी गतिविधियों की वीडियोग्राफी कराने का भी निर्देश दिया गया है. परीक्षा केंद्रों के चयन के साथ ही केंद्र अधीक्षक व वीक्षकों की तैनाती में भी काफी सतर्कता बरती गयी है. विभाग ने उनके आचरण व पुराने क्रियाकलापों का भी आकलन किया है. हर तरह से छानबीन कर तैयारी पूरी की गयी है. वीक्षकों से इस बात का प्रमाण पत्र भी लिया जायेगा कि जिस कमरे में उनकी ड्यूटी लगी है, उसमें उनका कोई सगा-संबंधी नहीं है. साथ ही यह भी बतायेंगे कि सभी परीक्षार्थियों की सही तरीके से चेकिंग कर ली गयी है. किसी के पास कोई नकल सामग्री नहीं है. इससे वीक्षकों की जिम्मेदारी भी बढ़ गयी है.
एक बेंच पर बैठेंगे
केवल दो परीक्षार्थी
कमरों में परीक्षार्थियों की धक्का-मुक्की न हो, इसके लिए उनके बैठने का इंतजाम सही तरीके से किया गया है. पांच या छह फुट लंबे बेंच पर केवल दो परीक्षार्थियों को ही बैठाना है. डीएम के निर्देश पर इसी के अनुसार सीटिंग प्लान तैयार किया गया है. डीइओ कामेश्वर कामती ने बताया कि कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था सही होनी चाहिए. इसके लिए सभी केंद्राधीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिये गये हैं. इसमें किसी तरह की गड़बड़ी होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
- सरकार कर रही है सेवा-शर्त के नाम पर नियोजित शिक्षकों के साथ धोखा
- मुख्यमंत्री और उनके अधिकारी और कार्यकर्ता आजकल गंजेड़ी की तरह नशा मे बात करते है
- बेसिक ग्रेड एंव स्नातक ग्रेड के अप्रशिक्षित अथवा प्रशिक्षणरत् शिक्षकों के साथ अपार धोखा है यह सेवाशर्त
- नियोजित शिक्षकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
- TSUNSS : समान काम, समान वेतन एवम् नियमित शिक्षकों की भांति सेवाशर्त से कम कुछ भी मंजूर नही
- आम शिक्षकों की ओर से कुछ सवाल...........आचार्य रवि
बोर्ड के अधिकारियों ने ही सारे किये-धरे पर पानी फेर दिया. दरअसल, पिछले साल से बिहार बोर्ड की परीक्षा में नकल रोकने को लेकर सरकार के तेवर काफी सख्त हैं. इसको लेकर प्रशासन व विभाग ने रणनीति तैयार की है. परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने के साथ ही सभी गतिविधियों की वीडियोग्राफी कराने का भी निर्देश दिया गया है. परीक्षा केंद्रों के चयन के साथ ही केंद्र अधीक्षक व वीक्षकों की तैनाती में भी काफी सतर्कता बरती गयी है. विभाग ने उनके आचरण व पुराने क्रियाकलापों का भी आकलन किया है. हर तरह से छानबीन कर तैयारी पूरी की गयी है. वीक्षकों से इस बात का प्रमाण पत्र भी लिया जायेगा कि जिस कमरे में उनकी ड्यूटी लगी है, उसमें उनका कोई सगा-संबंधी नहीं है. साथ ही यह भी बतायेंगे कि सभी परीक्षार्थियों की सही तरीके से चेकिंग कर ली गयी है. किसी के पास कोई नकल सामग्री नहीं है. इससे वीक्षकों की जिम्मेदारी भी बढ़ गयी है.
एक बेंच पर बैठेंगे
केवल दो परीक्षार्थी
कमरों में परीक्षार्थियों की धक्का-मुक्की न हो, इसके लिए उनके बैठने का इंतजाम सही तरीके से किया गया है. पांच या छह फुट लंबे बेंच पर केवल दो परीक्षार्थियों को ही बैठाना है. डीएम के निर्देश पर इसी के अनुसार सीटिंग प्लान तैयार किया गया है. डीइओ कामेश्वर कामती ने बताया कि कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था सही होनी चाहिए. इसके लिए सभी केंद्राधीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिये गये हैं. इसमें किसी तरह की गड़बड़ी होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
- सेवा शर्त नियमावली : राज्य भर के नियोजित शिक्षको द्वारा पुरजोर विरोध , चरणबद्ध आंदोलन की तिथि का घोषणा
- मुख्यमंत्री के द्वारा शिक्षकों को लेकर दिए गए बयान का प्रारंभिक शिक्षक संघ ने किया पुरजोर विरोध
- चायनिज सेवा-शर्त का शेषभाग........ सबसे बड़ा धोखा तो अनुशासनिक कार्यवाई के मामले में
- 'नयी बोतल में पुरानी शराब' की भांति है सेवाशर्त का झुनझुना
- अच्छी सूचना : प्रशिक्षण के मामले में ODL , DPE संवर्द्धन शुरू
- सेवा शर्त के प्रारूप मंजूर नहीं : यह सेवा शर्त निरीह शिक्षकों के दर्द के मलहम के जगह और दर्द बढाने वाला