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एयरकंडीशन क्लास रूम में पढ़ कर बच्चे आईएएस-आईपीएस नहीं बन सकते : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एयरकंडीशन क्लास रूम में पढ़ कर बच्चे आईएएस-आईपीएस नहीं बन सकते।
ज्यादातर आईएएस-आईपीएस सरकारी स्कूलों में ही पढ़ कर बने हैं। हम सब सरकारी स्कूलों में पढ़े हैं। जिलों में समीक्षा में पाया गया कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से अधिक नहीं है।

उन्होंने शिक्षा मंत्री और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया छात्रों को छात्रवृत्ति आदि योजना लाभ के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्यता बढ़ा कर 80 या 85 प्रतिशत तक ले जाएं। इससे कक्षा में उपस्थिति बढ़ेगी। मंगलवार को वे संवाद में 9 प्रमंडल मुख्यालयों में पांच तल्ला परीक्षा भवनों का शिलान्यास और परीक्षा सुधारों की सुधारों की शुरूआत कर रहे थे।

सीएम ने लोगों से पूछा- क्यों अपने बच्चों को पास कराने के लिए चोरी कराते हैं? लालची के गांव में ठग कभी भूखा नहीं रहता। गलत तरीके से परीक्षा पास कराने की प्रवृत्ति को दूर करने लिए समाज में सुधार की जरूरत है। वैशाली के स्कूल भवन की खिड़कियों से परीक्षा में चोरी कराने घटना बिहार के लिए शर्मिदगी वाला था। पिछले साल परीक्षा ठीक हुई तो टापर्स घोटाला को अंजाम देते वाले नमूनों से बिहार की बदनामी हुई। अब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने परीक्षा सुधार की बेहतर शुरूआत की है। उन्होंने सभी प्रमंडलों में पांच तल्ला परीक्षा भवन बनाने के लिए कहा। पहले सहरसा मुंगेर सहित चार प्रमंडलों में चार तल्ला परीक्षा भवन ही बनाना जाना था।
टापर्सघोटाला मामले में दोषियों पर सीधे मुकदमा किया गया। परीक्षा रिजल्ट में गड़बड़ी बिहार के लिए काला धब्बा था। लेकिन कोई गड़बड़ी कर बच नहीं सकता है। दोषियों को जेल भेजा गया। अब ऑनलाइन मार्क सीट मिलने ओएमआर सीट और डिजिटल मार्किंग होने से गड़बड़ी पर रोक लगेगी

उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद भी चोरी-छिपे शराब की इक्का-दुक्का बिक्री हो रही है। इसमें कौन दावा करेगा कि ऐसे कामों में सरकारी अधिकारी शामिल नहीं हैं। विपक्ष पर निशाना साधा कि मानव श्रृंखला में बच्चों के खड़ा करने पर लोग सवाल उठा रहे थे। 65 साल के बाद वालों को नहीं सिखाया जा सकता है क्या? दो करोड़ स्कूली बच्चों को आपदा प्रबंधन की जानकारी दे दी जाए, तो समझिए 6 करोड़ लोगों को सावधान और जागरूक कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि दस वर्षों में 27 हजार नए स्कूल बनाए गए। 2300 पंचायतों में उच्च माध्यमिक स्कूल खुल चुके हैं। शेष पंचायतों में खोलना है। शिक्षा मंत्री और अधिकारियों से कहा कि हाई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, तो कई स्कूलों को जोड़ वीडियो कांफ्रेंसिंग से पढ़ाई करायी जा सकती है। उन्होंने पूछा कि शहरों के सरकारी स्कूलों में बच्चे कम हैं और शिक्षक अधिक। उन्होंने रेशनेलाइजेशन का निर्देश दिया।

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