बिहारशरीफ : बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर
कर्मचारी महासंघ ने कुलाधिपति द्वारा संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के
शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य से वंचित किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए
आंदोलन की घोषणा की है। उक्त बातें शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष्
प्रो. रविकांत ¨सह ने दी।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों को परीक्षाफल आधारित सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान को भी नैक ग्रेडेशन आधारित करने की बात की है जो कि एक तुगलकी फरमान के समान है। इस निर्णय के खिलाफ महासंघ ने राज्यव्यापी आंदोलन करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का 70 फीसद विद्यार्थी ऐसे ही सम्बद्धता प्राप्त महाविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करते हैं और ऐसे ही वित्तरहित शिक्षक समर्पित भावना से शिक्षण का काम वर्षों से करते आ रहे हैं। कुलाधिपति के निर्णय के खिलाफ शिक्षाकर्मियों ने काफी आक्रोश है। वे अपने को इस निर्णय से अपमानित महसूस कर रहे हैं। कुलाधिपति के इस आदेश से नाराज कर्मी 4 एवं 5 जनवरी को सभ्ज्ञी महाविद्यालय में काला बिल्ला लगाकर धरना पर बैठेंगे। 7 जनवरी को जिलास्तर पर प्रदर्शन एवं उीएम के माध्यम से राज्यपाल को निर्णय के खिलाफ ज्ञापन सौंपेंगे। इसी तरह 10-11 जनवरी को इस विवि स्तर पर धरना एवं प्रदर्शन किया जाएगा। 22 जनवरी को बड़े पैमाने पर राजभवन मार्च कर राज्यपाल को निर्णय के खिलाफ ज्ञापन दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों को परीक्षाफल आधारित सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान को भी नैक ग्रेडेशन आधारित करने की बात की है जो कि एक तुगलकी फरमान के समान है। इस निर्णय के खिलाफ महासंघ ने राज्यव्यापी आंदोलन करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का 70 फीसद विद्यार्थी ऐसे ही सम्बद्धता प्राप्त महाविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करते हैं और ऐसे ही वित्तरहित शिक्षक समर्पित भावना से शिक्षण का काम वर्षों से करते आ रहे हैं। कुलाधिपति के निर्णय के खिलाफ शिक्षाकर्मियों ने काफी आक्रोश है। वे अपने को इस निर्णय से अपमानित महसूस कर रहे हैं। कुलाधिपति के इस आदेश से नाराज कर्मी 4 एवं 5 जनवरी को सभ्ज्ञी महाविद्यालय में काला बिल्ला लगाकर धरना पर बैठेंगे। 7 जनवरी को जिलास्तर पर प्रदर्शन एवं उीएम के माध्यम से राज्यपाल को निर्णय के खिलाफ ज्ञापन सौंपेंगे। इसी तरह 10-11 जनवरी को इस विवि स्तर पर धरना एवं प्रदर्शन किया जाएगा। 22 जनवरी को बड़े पैमाने पर राजभवन मार्च कर राज्यपाल को निर्णय के खिलाफ ज्ञापन दिया जाएगा।