शिक्षक : कमी से बेहाल शिक्षा जगत , केंद्रीय स्कूलों में शिक्षकों के 10,285 पद रिक्त

यह विडंबना है कि एक ओर सरकार शिक्षा में सुधार के लिए प्रतिबद्धता जता रही है वहीं शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की भारी कमी से शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.
देश के तकरीबन सभी शिक्षण संस्थान शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं. मानव संसाधन मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो देश भर के एक हजार से ज्यादा केंद्रीय स्कूलों में तकरीबन 12 लाख से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. लेकिन छात्रों की अनुपात में शिक्षकों की कमी है.
यहां शिक्षकों के 10,285 पद रिक्त हैं. कमोबेश यहीं हालात देश के अन्य सभी राज्यों के शिक्षण संथानों का भी है. तकनीकी शिक्षण संस्थान भी शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं.

अभी गत वर्ष ही मानव संसाधन मंत्रालय की एक रिपोर्ट से उदघाटित हुआ कि देश में एक लाख से अधिक सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जो एक अकेले शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. गत वर्ष जीके चड्ढा पे रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट से भी उद्घाटित हुआ कि देश भर में 44.6 फीसद प्रोफेसरों के पद और 51 फीसद रीडरों के पद रिक्त हैं. इसी तरह 52 फीसद पद लेक्चरर के रिक्त हैं. एक आंकड़े के मुताबिक 48 से 68 फीसद शिक्षकों के सहारे पठन-पाठन का काम चलाया जा रहा है.

इस तरह देश तकरीबन 14 लाख शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. गौरतलब है कि देश में सरकारी, स्थानीय निकाय और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों के 45 लाख पद हैं. लेकिन स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत 8 आठ राज्यों में ही शिक्षकों के 9 लाख से अधिक पद रिक्त हैं. अकेले उत्तर प्रदेश में 3 लाख से अधिक शिक्षकों की कमी है. दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह भी कि उपलब्ध शिक्षकों में भी तकरीबन 20 फीसद शिक्षक योग्यता मानकों के अनुरूप नहीं हैं. एक आंकड़े के मुताबिक सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियुक्त शिक्षकों में 6 लाख अप्रशिक्षित हैं.
अकेले बिहार में 1.90 लाख और उत्तर प्रदेश में 1.24 लाख शिक्षक जरूरी योग्यता नहीं रखते. छत्तीसगढ़ में 45 हजार और मध्य प्रदेश में 35 हजार अप्रशिक्षित शिक्षकों के भरोसे काम चलाया जा रहा है. इसी तरह की समस्या से झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम समेत अन्य राज्य भी जूझ रहे हैं. जबकि शिक्षा अधिकार कानून में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और हर स्कूली छात्र को प्रािक्षित शिक्षकों से पढ़ाने का प्रावधान है. पिछले दिनों एक मामले में देश की शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों को ताकीद किया कि छात्रों को प्रशिक्षित शिक्षकों से पढ़ाया जाए.
महत्त्वपूर्ण तथ्य यह भी शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध शिक्षक भी अपने उत्तरदायित्वों का समुचित निर्वहन नहीं कर रहे हैं. अकसर शिक्षकों के शिक्षण संस्थानों से गायब रहने की खबरें सुर्खियां बनती हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो 2006-07 में केंद्र सरकार द्वारा कराए गए एक सव्रे में प्राइमरी स्कूलों में सिर्फ 81.07 फीसद और 2012-13 में 84.3 फीसद ही शिक्षक उपस्थित मिले. यानी 15 से 20 फीसद शिक्षक शिक्षा परिसर से गायब रहे. उसी का कुपरिणाम है कि बच्चों को समुचित शिक्षण लाभ नहीं मिल पा रहा है और वे पढ़ाई में बेहद कमजोर हैं.
चिंताजनक तथ्य यह भी है कि शिक्षण संस्थानों में न सिर्फ शिक्षकों की कमी है बल्कि शिक्षा का अधिकार कानून और सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं के बावजूद लाखों बच्चे स्कूली शिक्षा की परिधि से बाहर हैं. आज देश में 6 करोड़ ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें शिक्षा हासिल नहीं है. प्राथमिक स्तर पर शिक्षा से वंचित बच्चों की संख्या 1.11 करोड़ है जो दुनिया में सर्वाधिक है. इसी तरह अपर सेकंडरी शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों की तादाद 4.68 करोड़ है. यह स्थिति तब है जब देश मेंशिक्षा का अधिकार कानून लागू है और सर्व शिक्षा अभियान पर अरबों रुपये खर्च किया जा रहा है. मानव संसाधन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक 16 फीसद बच्चे बीच में ही प्राथमिक शिक्षा और 32 फीसद बच्चे जूनियर हाईस्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं. संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 60 फीसद छात्र तीसरी कक्षा उत्तीर्ण करने से पहले ही स्कूल छोड़ देते हैं. बेहतर होगा कि केंद्र व राज्य सरकारें शिक्षण संस्थानों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को शीघ्र भरे और साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दे.

Recent Articles


teacher recruitment , primary teacher vacancy , samvida shikshak , shikshak bharti , shikshak shikshak , atithi shikshak , shikshak bharti 2019 , shikshak bharti news today , shikshak bharti application , pavitra portal shikshak bharti 2019 , shikshak bharti merit list , shikshak bharti qualification , prathmik shikshak bharti , sahayak adhyapak bharti 2019 , sahayak adhyapak bharti pariksha 2019 , sahayak adhyapak bharti news , sahayak adhyapak bharti latest news , 12460 sahayak adhyapak bharti counselling , sahayak adhyapak bharti news today