बिहार में परीक्षाओं पर संकट, पढ़ें क्या है पूरा मामला…
पटना : बिहार में जल्द ही प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन पर ग्रहण लग सकता है. जी हां, बिहार कमर्चारी चयन आयोग समेत अन्य परीक्षाओं के आयोजन पर संकट मंडारने लगा है.
मामले में एकजुट हुए आईएएस अधिकारी रविवार को राज्यपाल से मिलने राजभवन तक पहुंच गए. 100 से भी अधिक की संख्या में राजभवन पहुंचे आईएस अधिकारियों ने यहां मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध दर्ज कराया. इस बैठक के बाद सभी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे. बैठक के बाद एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि वे बिहार कर्मचारी चयन आयोग के किसी भी पद को ग्रहण नहीं करेंगे. सुधीर कुमार जैसे ईमानदार अफसर को इस तरह गिरफ्तार किये जाने के हम खिलाफ है. उन्हें और उनके परिवार को जिस तरह इस मामले में टार्चर किया गया है उसे खिलाफ हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. हम इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है हम काला बिल्ला लगाकर विरोध करेंगे.
तो इसलिए मंडरा रहा है खतरा
एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि बिहार में आइएएस अधिकारी अपनी ड्यूटी को पूरा करने में असुरक्षित महसूस करते हैं. किसी तरह के निर्णय लेने में भी अफसर डरे रहते हैं. कहीं उनके निर्णय को गैरकानूनी न मान लिया जाये. एसोसिएशन ने यह भी निर्णय लिया है कि उसका कोई भी सदस्य बीएसएससी के चेयरमैन, बीएसइसी के कंट्रोलर और टेक्निकल सर्विसेज रेक्रूटमेंट बोर्ड के चेयरमैन का पद स्वीकार नहीं करेगा. बिहार के आईएएस सीधे-सीधे आर-पार की लड़ाई की मूड में हैं और राज्य सरकार के खिलाफ खड़ी है. ऐसे में बिहार कर्मचारी चयन आयोग समेत अन्य संस्थानों की परीक्षाओं पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. बीते दिनों बिहार पुलिस सेवा आयोग में भी परीक्षा पत्र लीक होने समेत एडमिट कार्ड जारी करने को लेकर विवाद सामने आया था. मामला कोर्ट तक जा पहुंचा था. इससे पहले भी बीपीएससी परीक्षा से सम्बंधित कई मामले कोर्ट में जा चुके हैं. वहीं जिस तरह से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में भी पिछले दो सालों से लगातार गड़बड़ी की खबर सामने आई है. उससे कहीं न कहीं बिहार में परीक्षाओं के सफल आयोजन को लेकर चिंता होना लाजिमी है.
बीएसएससी में नहीं हैं अध्यक्ष और सचिव
बिहार कर्मचारी चयन आयोग में पिछले 15 दिन से भी ज्यादा समय से सचिव नहीं है. परमेश्वर राम की गिरफ्तारी के बाद आयोग का सचिव पद खाली है. उन्हें सचिव पद से सस्पेंड भी कर दिया गया है. वहीं सुधीर कुमार के जेल चले जाने से फिलहाल अध्यक्ष पद भी खाली पड़ा है. वहीं अब बिहार के आईएएस ने बीएसएससी में किसी भी तरह का पद लेने से इनकार कर दिया है. ऐसे में आयोग में कार्य बुरी तरह से प्रभावित है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग को फिलहाल कोई मॉनिटर करने वाला नहीं है. इस तरह आयोग की भविष्य की परीक्षाओं और रिजल्ट के बुरी तरह प्रभावित होने के आसार हैं.
मौखिक आदेश स्वीकार नहीं
एसोसिएशन ने यह भी फैसला लिया है कि किसी भी उच्च अधिकारी, यहां तक कि सीएम आॅफिस का कोई भी मौखिक आदेश स्वीकार नहीं किया जायेगा. लिखित आदेश होने पर ही उसका पालन किया जायेगा. एसोसिएशन ने ज्ञापन की यह कॉपी बिहार के उपमुख्यमंत्री समेत सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन को भी भेजी है.
पटना : बिहार में जल्द ही प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन पर ग्रहण लग सकता है. जी हां, बिहार कमर्चारी चयन आयोग समेत अन्य परीक्षाओं के आयोजन पर संकट मंडारने लगा है.
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मामले में एकजुट हुए आईएएस अधिकारी रविवार को राज्यपाल से मिलने राजभवन तक पहुंच गए. 100 से भी अधिक की संख्या में राजभवन पहुंचे आईएस अधिकारियों ने यहां मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध दर्ज कराया. इस बैठक के बाद सभी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे. बैठक के बाद एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि वे बिहार कर्मचारी चयन आयोग के किसी भी पद को ग्रहण नहीं करेंगे. सुधीर कुमार जैसे ईमानदार अफसर को इस तरह गिरफ्तार किये जाने के हम खिलाफ है. उन्हें और उनके परिवार को जिस तरह इस मामले में टार्चर किया गया है उसे खिलाफ हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. हम इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है हम काला बिल्ला लगाकर विरोध करेंगे.
तो इसलिए मंडरा रहा है खतरा
एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि बिहार में आइएएस अधिकारी अपनी ड्यूटी को पूरा करने में असुरक्षित महसूस करते हैं. किसी तरह के निर्णय लेने में भी अफसर डरे रहते हैं. कहीं उनके निर्णय को गैरकानूनी न मान लिया जाये. एसोसिएशन ने यह भी निर्णय लिया है कि उसका कोई भी सदस्य बीएसएससी के चेयरमैन, बीएसइसी के कंट्रोलर और टेक्निकल सर्विसेज रेक्रूटमेंट बोर्ड के चेयरमैन का पद स्वीकार नहीं करेगा. बिहार के आईएएस सीधे-सीधे आर-पार की लड़ाई की मूड में हैं और राज्य सरकार के खिलाफ खड़ी है. ऐसे में बिहार कर्मचारी चयन आयोग समेत अन्य संस्थानों की परीक्षाओं पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. बीते दिनों बिहार पुलिस सेवा आयोग में भी परीक्षा पत्र लीक होने समेत एडमिट कार्ड जारी करने को लेकर विवाद सामने आया था. मामला कोर्ट तक जा पहुंचा था. इससे पहले भी बीपीएससी परीक्षा से सम्बंधित कई मामले कोर्ट में जा चुके हैं. वहीं जिस तरह से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में भी पिछले दो सालों से लगातार गड़बड़ी की खबर सामने आई है. उससे कहीं न कहीं बिहार में परीक्षाओं के सफल आयोजन को लेकर चिंता होना लाजिमी है.
बीएसएससी में नहीं हैं अध्यक्ष और सचिव
बिहार कर्मचारी चयन आयोग में पिछले 15 दिन से भी ज्यादा समय से सचिव नहीं है. परमेश्वर राम की गिरफ्तारी के बाद आयोग का सचिव पद खाली है. उन्हें सचिव पद से सस्पेंड भी कर दिया गया है. वहीं सुधीर कुमार के जेल चले जाने से फिलहाल अध्यक्ष पद भी खाली पड़ा है. वहीं अब बिहार के आईएएस ने बीएसएससी में किसी भी तरह का पद लेने से इनकार कर दिया है. ऐसे में आयोग में कार्य बुरी तरह से प्रभावित है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग को फिलहाल कोई मॉनिटर करने वाला नहीं है. इस तरह आयोग की भविष्य की परीक्षाओं और रिजल्ट के बुरी तरह प्रभावित होने के आसार हैं.
मौखिक आदेश स्वीकार नहीं
एसोसिएशन ने यह भी फैसला लिया है कि किसी भी उच्च अधिकारी, यहां तक कि सीएम आॅफिस का कोई भी मौखिक आदेश स्वीकार नहीं किया जायेगा. लिखित आदेश होने पर ही उसका पालन किया जायेगा. एसोसिएशन ने ज्ञापन की यह कॉपी बिहार के उपमुख्यमंत्री समेत सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन को भी भेजी है.
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