मुंबई. पहली से आठवीं कक्षा के प्राथमिक शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य कर दी गई है । जिन शिक्षकों ने अब तक टीईटी उत्तीर्ण नहीं की है, उनके लिए पहले तीन मौके में यह परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है। भविष्य में टीईटी पास उम्मीदवारों की ही नियुक्ति शिक्षक के रूप में हो सकेगी।
राज्य सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य की सभी स्थानीय स्वराज संस्थाओं व निजी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के लिए शिक्षकों की नियुक्ति में टीईटी पास करने वाले उम्मीदवारों को ही नियुक्ति किया जाए।
साथ ही इन स्कूलों में नियुक्त जिन शिक्षकों ने अब तक टीईटी उत्तीर्ण नहीं की है, उनके लिए पहले तीन मौके में यह परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है।
भविष्य में सभी स्थानीय स्वराज सस्थाओं व निजी प्रबंधन वाले स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम में शर्त
केंद्र सरकार के शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) पर 1 अप्रैल 2010 से राज्य में अमल शुरू किया गया है। केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2010 को अधिसूचना जारी कर शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए पात्रता व सेवा शर्तें तय करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को शैक्षणिक प्राधिकरण घोषित किया है।
एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 को अधिसूचना जारी कर पहली से आठवीं तक के शिक्षकों के लिए टीईटी को अनिवार्य किया है।Sponsored link :
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