मधेपुरा। मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के परीक्षा
की तैयारी के लिए शिक्षा विभाग के आदेशानुसार जिले के सभी उच्च विद्यालयों
में शुक्रवार से शुरू होने वाला क्रैश कोर्स जवाहर उच्च विद्यालय रामनगर
बेला के प्रधानाध्यापक के लापरवाह रवैये के कारण शुरू नहीं हो सका।
इतना ही नहीं विभागीय आदेश के बावजूद दो शिक्षक ही विद्यालय पहुंचे। विभागीय आदेशों निर्देशों से लापरवाह विद्यालय प्रधान समेत सभी शिक्षक एवं चतुर्थवर्गीय कर्मी विद्यालय से अनुपस्थित थे। क्रैश कोर्स के शुरुआत की जानकारी प्राप्त करने के दौरान उपस्थित शिक्षक राजेश कुमार भारती एवं रवि कुमार ने बताया कि विद्यालय में स्मार्ट क्लास के माध्यम से 10 वीं के परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र छात्राओं के लिए क्रैश कोर्स की शुरुआत करनी थी। अभी विद्यालय में प्रधानाध्यापक प्रिसिपल सरदार एवं स्मार्ट क्लास के नोडल शिक्षक गणेश चन्द्र झा मौजूद नहीं है। इसके आलावा भी शिक्षक नहीं है हम लोग विद्यालय के छुट्टी के समय का इंतजार कर रहे हैं। इस संबंध में बच्चों के अभिभावक प्रणव कुमार झा,ललित कुमार झा,सुंदरकांत झा,अनमोल शर्मा,बिजेंद्र साह,रमेश चन्द्र झा,अशोक मालाकार ने बताया कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की मनमानी चलती है। बच्चे घर से विद्यालय आते है बिना पढ़े घर लौट कर चले जाते है। इतना ही नहीं साइकिल और छात्रवृति की राशि वितरण में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।
इतना ही नहीं विभागीय आदेश के बावजूद दो शिक्षक ही विद्यालय पहुंचे। विभागीय आदेशों निर्देशों से लापरवाह विद्यालय प्रधान समेत सभी शिक्षक एवं चतुर्थवर्गीय कर्मी विद्यालय से अनुपस्थित थे। क्रैश कोर्स के शुरुआत की जानकारी प्राप्त करने के दौरान उपस्थित शिक्षक राजेश कुमार भारती एवं रवि कुमार ने बताया कि विद्यालय में स्मार्ट क्लास के माध्यम से 10 वीं के परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र छात्राओं के लिए क्रैश कोर्स की शुरुआत करनी थी। अभी विद्यालय में प्रधानाध्यापक प्रिसिपल सरदार एवं स्मार्ट क्लास के नोडल शिक्षक गणेश चन्द्र झा मौजूद नहीं है। इसके आलावा भी शिक्षक नहीं है हम लोग विद्यालय के छुट्टी के समय का इंतजार कर रहे हैं। इस संबंध में बच्चों के अभिभावक प्रणव कुमार झा,ललित कुमार झा,सुंदरकांत झा,अनमोल शर्मा,बिजेंद्र साह,रमेश चन्द्र झा,अशोक मालाकार ने बताया कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की मनमानी चलती है। बच्चे घर से विद्यालय आते है बिना पढ़े घर लौट कर चले जाते है। इतना ही नहीं साइकिल और छात्रवृति की राशि वितरण में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।