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बिहार : नियोजित शिक्षकों को हर महीने मिले समय पर वेतन, यह कदम उठाने जा रही है सरकार

पटना : बिहार में लाखों नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं. सूबे में लगभग चार लाख नियोजित शिक्षक हैं. इन शिक्षकों को नियमित वेतन नहीं मिल पाता है. कभी केंद्र से मिलने वाली राशि में देरी होती है, तो कभी प्रक्रिया इतनी लंबी चौड़ी हो जाती है कि समय पर इन्हें वेतन नहीं मिल पाता है.
शिक्षकों ने बताया कि उनकी होली, दिवाली और दशहरा कभी-कभार बिना वेतन के कट जाती है. शिक्षकों का कहना है कि अभी पांच महीने का वेतन बकाया है. अभी तक वह वेतन की आस लगाये हुए हैं और अब तो होली का पर्व भी आने वाला है, लेकिन वेतन उनके खाते में नहीं आया है. हालांकि, सरकार की ओर से शिक्षकों के वेतन की राशि जारी होने की बात कही गयी है और बहुत जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही जा रही है.

दूसरी ओर यह भी खबर मिल रही है कि अब सरकार शिक्षकों का वेतन भुगतान नियमित हो, इसके लिए विशेष कदम उठाने जा रही है. बताया जा रहा है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियोजित शिक्षकों के वेतन को नियमित भुगतान करने के लिए सरकार अलग मद की व्यवस्था करने जा रही है, जो विशेषतः नियोजित शिक्षकों के लिए होगा. जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के इस प्रस्ताव पर अपना कदम बढ़ाया है. संभावना जतायी जा रही है कि बहुत जल्द नियोजित शिक्षकों के लिए एक अलग से मद बनाया जायेगा, जिसमें उनके वेतन की राशि रखी जायेगी.

नियोजित शिक्षकों का वेतन सर्वशिक्षा अभियान के तहत होता है, जिसका भुगतान केंद्र और राज्य सरकार की सहभागिता से होता है. नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए केंद्र सरकार साठ फीसदी राशि और राज्य सरकार चालीस फीसदी राशि देती है. बताया जा रहा है कि वर्ष 2013-14 से केंद्र सरकार की ओर से समय पर सर्वशिक्षा मद में राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है और न ही स्वीकृति हो जाने के बाद पूरी राशि ही मिल पाती है. इस स्थिति में शिक्षकों के नियमित वेतन में बाधा उत्पन्न हो रही है. इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए अलग से मद बनाने की कोशिश में लगा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पहल से अब शिक्षकों के वेतन की राशि राज्य सरकार अलग से सुरक्षित रखेगी और केंद्र सरकार के राशि जारी होने में विलंब होने पर राज्य सरकार भुगतान कर देगी और बाद में राशि आने पर उसका समायोजन कर लिया जायेगा.

विभागीय सूत्रों की मानें, तो इस प्रस्ताव पर शिक्षा विभाग ने कदम बढ़ा दिये हैं. केंद्र सरकार से अभी तक राज्य को 25 सौ करोड़ रुपया ही प्राप्त हुआ है. गौरतलब हो कि नियोजित शिक्षकों का वेतन बिहार में समय पर नहीं मिल पाता है. चुकी राशि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मिलाकर दी जाती है, इसलिए हर बार उनके वेतन में विलंब होता है. अब यदि राज्य सरकार अलग मद का निर्माण कर  लेती है, तो इससे वेतन के नियमित होने की आशा बढ़ जायेगी.

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