सीतामढ़ी। बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के प्रदेश
महासचिव प्रो. सुनील कुमार राय ने कहा कि सरकार वित्त रहित शिक्षा कर्मियों
के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई की ओर बढ़ रही है। सरकार अनुदान रोकने व
शिक्षकों पर केस करने की धमकी दे रही है। 35 वर्षो से बिना वेतन के कार्य
कर रहे वित्त रहित शिक्षा कर्मियों को सरकार ने दिया ही क्या है कि लेने की
धमकी दे रही है।
सरकार को जो करना है कर लें, हमला चाहे जैसा भी होगा लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाए बगैर आंदोलन नही रुकेगा। वित्त रहित कर्मी सरकार की धमकी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए संकल्पित है। सरकार की धमकी के खिलाफ वित्त रहित कॉलेज व स्कूल में ताला बंद रहेगा।
किसान कॉलेज बरियारपुर के प्राचार्य प्रो. कौशल किशोर ¨सह ने कहा कि इस बार शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री जब तक वित्त रहित शिक्षा कर्मियों की मांगे मान नहीं लेते, आंदोलन जारी रहेगा। इंटर की कॉपियों का किसी हालत में जांच नहीं किया जाएगा। 35 वर्षो से वंचित वित्त रहित कर्मी हक लेकर रहेंगे। वित्त रहित शिक्षा संयुक्त मोर्चा, वित्त रहित क्रांति मोर्चा व माध्यमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन द्वारा भेजे गए धमकी भरे पत्र पर आक्रोश व्यक्त किया है। प्रो. उमेशचंद्र झा, प्रो. विरेंद्र ¨सह, प्रो. अरुण पाठक, प्रो. रामनरेश ¨सह, प्रो. उमेशनंदन ¨सह, प्रो. भगवान राय, प्रो. रामकलेवर राय, प्रो. विनोद कुमार, प्रो. ललिता मिश्रा, प्रो. रामचंद्र ¨सह, प्रो. रीता कुमारी, प्रो. विनय कुमार चौधरी, प्रो. बेबी नम्रता, प्रो. फणीन्द्र कुमार चौधरी, प्रो. जितेंद्र ¨सह व प्रो. सरिता शर्मा ने कहा कि वित्त रहित कर्मी सरकार की धमकी डरने वाले नहीं है। इस बार आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है। प्रो. हरेंद्र शर्मा, प्रो. सत्येंद्र नारायण ¨सह, प्रो. शशिभूषण प्रसाद ¨सह, प्रो. मिथिलेश यादव, व प्रो. गजेंद्र राय ने प्रधान सचिव की धमकी पर प्रहार करते हुए कहा कि सरकार को बिहार के साढ़े 12 लाख छात्रों के भविष्य की ¨चता करनी चाहिए। चट्टानी एकता वाले भूखे शिक्षकों को वे धमकी दे रहे हैं। वे गोयनका कॉलेज और एलके हाई स्कूल मूल्यांकन केंद्र पर धरनार्थियों को संबोधित कर रहे थे। 22 वें दिन भी परीक्षकों ने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर धरना दिया। इससे प्रायोगिक परीक्षा दसवें दिन भी बाधित रही। धरना में प्रो. विनय कुमार, प्रो. साकेत बिहारी, मो. इरफान, प्रो. अमरेंद्र ¨सह, प्रो. सुर्यनारायण झा, प्रो. पवन झा, प्रो. गणेश साह, प्रो. नसरुद्दीन अंसारी, प्रो. मुनिन्द्र मिश्रा, प्रो. चंद्र कुमार ¨सह, प्रो. एलआर दास, प्रो. अजमत अंसारी, प्रो. शाह आलम, प्रो. ज्ञानेंद्र त्रिवेदी, अशोक ¨सह चौहान, प्रो. नजराना खातुन, व प्रो. सुरेश प्रसाद ¨सह समेत अन्य शामिल थे।
सरकार को जो करना है कर लें, हमला चाहे जैसा भी होगा लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाए बगैर आंदोलन नही रुकेगा। वित्त रहित कर्मी सरकार की धमकी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए संकल्पित है। सरकार की धमकी के खिलाफ वित्त रहित कॉलेज व स्कूल में ताला बंद रहेगा।
किसान कॉलेज बरियारपुर के प्राचार्य प्रो. कौशल किशोर ¨सह ने कहा कि इस बार शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री जब तक वित्त रहित शिक्षा कर्मियों की मांगे मान नहीं लेते, आंदोलन जारी रहेगा। इंटर की कॉपियों का किसी हालत में जांच नहीं किया जाएगा। 35 वर्षो से वंचित वित्त रहित कर्मी हक लेकर रहेंगे। वित्त रहित शिक्षा संयुक्त मोर्चा, वित्त रहित क्रांति मोर्चा व माध्यमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन द्वारा भेजे गए धमकी भरे पत्र पर आक्रोश व्यक्त किया है। प्रो. उमेशचंद्र झा, प्रो. विरेंद्र ¨सह, प्रो. अरुण पाठक, प्रो. रामनरेश ¨सह, प्रो. उमेशनंदन ¨सह, प्रो. भगवान राय, प्रो. रामकलेवर राय, प्रो. विनोद कुमार, प्रो. ललिता मिश्रा, प्रो. रामचंद्र ¨सह, प्रो. रीता कुमारी, प्रो. विनय कुमार चौधरी, प्रो. बेबी नम्रता, प्रो. फणीन्द्र कुमार चौधरी, प्रो. जितेंद्र ¨सह व प्रो. सरिता शर्मा ने कहा कि वित्त रहित कर्मी सरकार की धमकी डरने वाले नहीं है। इस बार आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है। प्रो. हरेंद्र शर्मा, प्रो. सत्येंद्र नारायण ¨सह, प्रो. शशिभूषण प्रसाद ¨सह, प्रो. मिथिलेश यादव, व प्रो. गजेंद्र राय ने प्रधान सचिव की धमकी पर प्रहार करते हुए कहा कि सरकार को बिहार के साढ़े 12 लाख छात्रों के भविष्य की ¨चता करनी चाहिए। चट्टानी एकता वाले भूखे शिक्षकों को वे धमकी दे रहे हैं। वे गोयनका कॉलेज और एलके हाई स्कूल मूल्यांकन केंद्र पर धरनार्थियों को संबोधित कर रहे थे। 22 वें दिन भी परीक्षकों ने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर धरना दिया। इससे प्रायोगिक परीक्षा दसवें दिन भी बाधित रही। धरना में प्रो. विनय कुमार, प्रो. साकेत बिहारी, मो. इरफान, प्रो. अमरेंद्र ¨सह, प्रो. सुर्यनारायण झा, प्रो. पवन झा, प्रो. गणेश साह, प्रो. नसरुद्दीन अंसारी, प्रो. मुनिन्द्र मिश्रा, प्रो. चंद्र कुमार ¨सह, प्रो. एलआर दास, प्रो. अजमत अंसारी, प्रो. शाह आलम, प्रो. ज्ञानेंद्र त्रिवेदी, अशोक ¨सह चौहान, प्रो. नजराना खातुन, व प्रो. सुरेश प्रसाद ¨सह समेत अन्य शामिल थे।