पटना.
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड की ओर से मैट्रिक के मूल्यांकन का काम एक
अप्रैल से ही शुरू हो गया है। लेकिन, माध्यमिक शिक्षक संघ के विरोध के कारण
तीसरे दिन भी मूल्यांकन का काम शुरू नहीं हो पाया है। पूरे बिहार में 17
लाख बच्चों ने मैट्रिक री परीक्षा दी थी। इनकी कॉपी को जांचने के लिए बोर्ड
ने 42 हजार शिक्षकों को लगाया है। इसके लिए 102 मूल्यांकन केंद्र बनाये गए
हैं।क्या है विवाद...
माध्यमिक
शिक्षक संघ के सदस्यों की मांग है कि समान काम के लिए समान पैसा दिया जाए।
अपनी इसी मांग को लेकर शिक्षक मूल्यांकन में शामिल नहीं हो रहे हैं। इसी
वजह से मूल्यांकन लगभग पूरा काम ठप पड़ा हुआ है। बोर्ड के अनुसार 42 हजार
शिक्षक मूल्यांकन में लगाये गये हैं। इसमें 32 हजार माध्यमिक शिक्षक शामिल
हैं। जबकि, दस हजार शिक्षक वित्त रहित अनुदानिक कॉलेजों के हैं।
बिहार
स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के चेयरमैन की ओर से शिक्षकों को काम पर लौटने की
अपील भी किया है। लेकिन इसका कोई असर शिक्षकों पर नहीं हुआ है। बोर्ड के
चेयरमैन आनंद किशोर ने माध्यमिक शिक्षकों से अपील करते हुए कहा था कि छात्र
हित में संघ के शिक्षकगण अपना फैसला वापस लें, लेकिन उन पर कोई खास असर
नहीं हुआ।
समान काम, समान वेतन
की मांग को लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ, नियोजित शिक्षक न्याय
मोरचा, वित्तरहित शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ, नवनियुक्त माध्यमिक
शिक्षक संघ आदि ने मूल्यांकन का बहिष्कार किया है। इस बात की जानकारी संघ
के नेता अभिषेक ने दी।