बहुत हो गया मजाक,शिक्षक नेताओं का एक दूसरे पर दोषारोपण,घटिया राजनीती।बंद करो ये खेल ! कब तलक मासूम शिक्षकों की भावनाओं से खिलवार करोगे।
अपनी अपनी अहम को लेकर कब तक शिक्षक को बेबकूफ़ बनाओगे।कब तक .....o sorry ये शिक्षक बेबकूफ़ बनते हैं तभी तो नेता बनातें हैं।सही में मैं भी कितना बड़ा बेबकूफ़ हूँ,इतनी सी बात इतने दिनों के बाद समझा।
अभी एक नेता जी जो बेगूसराय से बिलॉन्ग करते हैं उनसे मैंने कहा कि आप कमसे कम बेगूसराय में मूल्यांकन का बहिष्कार करें यहाँ तीन संघ हैं दो ने किया तो आप भी करें।राज्य संघ को करने दे उनके कार्यक्रम में भी भाग ले मगर शिक्षकों की मदद करें।वो बोले मुझसे पूछ कर किसी ने बहिष्कार किया।मैं अपने राज्य संघ के कार्यक्रम से चलूँगा। मैं भी तो राज्य संघ के आदेश से पहले ही पुरण जी के समर्थन में पहले ही बहिष्कार किया ? संघ ने पूर्ण समर्थ किया। मैं अब उनके संघ के आम शिक्षक से पूछता हूँ कि क्या आपको वेतनमान,सम्मान नहीं चाहिए? क्या आप जन्म से या ज्वाइनिंग से या उससे पहले से ही किसी संघ से संबद्धता रखते हैं?क्या आप में समझ नहीं है कि 17 अप्रैल के कुछ दिन बाद से ही विद्यालय बंद रहेगा तो तब हड़ताल करने से क्या होगा? जब सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया तो हाई कोर्ट को इतना समय क्यों लग रहा है?क्या सरकार के इसारे पर हाई कोर्ट कार्य नहीं कर रहा?बार बार सरकार को दिखावटी फटकार दे हमे तारीख पर तारीख,तारीख पर तारीख, फिर तारीख और फिर तारीख दे रही है तो इसकी क्या गैरंटी है कि अगली तारीख को हमे हमारा हक़ मिल जाए।क्या Ramkalyan Paswan दा हक़ मिलने की गारेंटी है?
अब ज्ञानेश्वर शान्डिल्य भाई से सबाल है कि बार बार Markanday Pathak जी, Raju Singh जी पर दोषारोपण करने वाले डीसूजा जी के साथ जब नियोजित शिक्षक महासंघ,शिक्षक चौपाल,ब्रजवासी जी ,आदि कई संघ हैं तो फिर अभी तक किस कारण से चुप हैं।यदि मार्कण्डेय पाठक जी,पुरण जी,पप्पू जी,आदि कोई नहीं साथ दे रहें तो आप ही पहल क्यों नहीं करते? क्या आपके संघ के नियोजित शिक्षक को वेतनमान नहीं चाहिए। या फिर आप सरकार से नहीं पाठक जी से लड़ने का मन बना लिया है।
अब मेरे तरह अपने आप को संघ विशेष से अलग रखने वाले और शिक्षक हित पर किसी संघ विशेष को लतियाने वाले भाइयों से जिसमे मैं भी आता हूं वैसे लोगों ( Tr Manujee Pandey, Tr Amit Singh, Anuj Mishra, Ranjan Kumar,आदि) से एक सबाल क्या अभी पटना में जो भी हो रहा या शिक्षक समाज के साथ अभी हो रहा उसमे शिक्षक नेता,संघ पर ऊँगली उठाने से शिक्षक का भला हो जाएगा ? क्या हमारा कोई दायित्व नहीं है?क्या हमें अभी आपसी विवाद को छोड़ नहीं देना चाहिए? कोई पाठक जी पर दोष दे रहा कि उन्हें क्यों चोट नहीं लगी,कोई राजू सिंह पुरण जी पर दोष लगा रहा है कि ये सब सोची समझी राजनीती के तहत मासूम शिक्षक को पितवाये।( Manish Kumar Raushan जी के fb, भारती जी के fb, डिसूजा जी का पोस्ट,बहुत सारे आचार्य भाई के fb, शशि जी,शिव जी आदि के पोस्ट में ये जिक्र है) सच्चाई क्या है जाने बगैर किसी पर कुछ आरोप लगा देना कहाँ का न्याय है?
अब भी समय नहीं गया है अब भी वक्त है कुछ करिये।आपस में दोषारोपण बंद कर अहम् की तिलांजलि दे शिक्षक हित के लिए कुछ सोचिये,करिये
मैंने किया और वीरपुर के शिक्षकों ने साथ दिया जहाँ संघ विशेष से उठ सभी नियोजितों ने मूल्याङ्कन कार्य का बहिष्कार किया।यदि हिम्मत है तो किसी नियोजित को वहां कह के देखिये कि कॉपी जांचे आपके संघ ने नहीं किया तो आपको जबाब मिलेगा कौन संघ कैसा संघ मैं नहीं जानता। हम राज्य में सबसे पहले किए गए विरोध के समर्थन में ऐसा कर रहें हैं।आगे जो भी संघ (कोई भी)करेगा वही करेंगे।
एक बात और आगे 5 दिन का समय है,यदि अब भी नहीं सम्हले तो वीरपुर के शिक्षक आप सब का विरोध करेंगे।किसी कार्यक्रम में आपका साथ नहीं देंगे और यदि सभी आपका साथ दे भी देंगे तो फाज़िलपुर के शिक्षक आप में से किसी का साथ नहीं देंगे।ये मेरी तरफ से किया गया चैलेंज है।
कन्हैया भारद्वाज
वीरपुर बेगूसराय।
अपनी अपनी अहम को लेकर कब तक शिक्षक को बेबकूफ़ बनाओगे।कब तक .....o sorry ये शिक्षक बेबकूफ़ बनते हैं तभी तो नेता बनातें हैं।सही में मैं भी कितना बड़ा बेबकूफ़ हूँ,इतनी सी बात इतने दिनों के बाद समझा।
अभी एक नेता जी जो बेगूसराय से बिलॉन्ग करते हैं उनसे मैंने कहा कि आप कमसे कम बेगूसराय में मूल्यांकन का बहिष्कार करें यहाँ तीन संघ हैं दो ने किया तो आप भी करें।राज्य संघ को करने दे उनके कार्यक्रम में भी भाग ले मगर शिक्षकों की मदद करें।वो बोले मुझसे पूछ कर किसी ने बहिष्कार किया।मैं अपने राज्य संघ के कार्यक्रम से चलूँगा। मैं भी तो राज्य संघ के आदेश से पहले ही पुरण जी के समर्थन में पहले ही बहिष्कार किया ? संघ ने पूर्ण समर्थ किया। मैं अब उनके संघ के आम शिक्षक से पूछता हूँ कि क्या आपको वेतनमान,सम्मान नहीं चाहिए? क्या आप जन्म से या ज्वाइनिंग से या उससे पहले से ही किसी संघ से संबद्धता रखते हैं?क्या आप में समझ नहीं है कि 17 अप्रैल के कुछ दिन बाद से ही विद्यालय बंद रहेगा तो तब हड़ताल करने से क्या होगा? जब सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया तो हाई कोर्ट को इतना समय क्यों लग रहा है?क्या सरकार के इसारे पर हाई कोर्ट कार्य नहीं कर रहा?बार बार सरकार को दिखावटी फटकार दे हमे तारीख पर तारीख,तारीख पर तारीख, फिर तारीख और फिर तारीख दे रही है तो इसकी क्या गैरंटी है कि अगली तारीख को हमे हमारा हक़ मिल जाए।क्या Ramkalyan Paswan दा हक़ मिलने की गारेंटी है?
अब ज्ञानेश्वर शान्डिल्य भाई से सबाल है कि बार बार Markanday Pathak जी, Raju Singh जी पर दोषारोपण करने वाले डीसूजा जी के साथ जब नियोजित शिक्षक महासंघ,शिक्षक चौपाल,ब्रजवासी जी ,आदि कई संघ हैं तो फिर अभी तक किस कारण से चुप हैं।यदि मार्कण्डेय पाठक जी,पुरण जी,पप्पू जी,आदि कोई नहीं साथ दे रहें तो आप ही पहल क्यों नहीं करते? क्या आपके संघ के नियोजित शिक्षक को वेतनमान नहीं चाहिए। या फिर आप सरकार से नहीं पाठक जी से लड़ने का मन बना लिया है।
अब मेरे तरह अपने आप को संघ विशेष से अलग रखने वाले और शिक्षक हित पर किसी संघ विशेष को लतियाने वाले भाइयों से जिसमे मैं भी आता हूं वैसे लोगों ( Tr Manujee Pandey, Tr Amit Singh, Anuj Mishra, Ranjan Kumar,आदि) से एक सबाल क्या अभी पटना में जो भी हो रहा या शिक्षक समाज के साथ अभी हो रहा उसमे शिक्षक नेता,संघ पर ऊँगली उठाने से शिक्षक का भला हो जाएगा ? क्या हमारा कोई दायित्व नहीं है?क्या हमें अभी आपसी विवाद को छोड़ नहीं देना चाहिए? कोई पाठक जी पर दोष दे रहा कि उन्हें क्यों चोट नहीं लगी,कोई राजू सिंह पुरण जी पर दोष लगा रहा है कि ये सब सोची समझी राजनीती के तहत मासूम शिक्षक को पितवाये।( Manish Kumar Raushan जी के fb, भारती जी के fb, डिसूजा जी का पोस्ट,बहुत सारे आचार्य भाई के fb, शशि जी,शिव जी आदि के पोस्ट में ये जिक्र है) सच्चाई क्या है जाने बगैर किसी पर कुछ आरोप लगा देना कहाँ का न्याय है?
अब भी समय नहीं गया है अब भी वक्त है कुछ करिये।आपस में दोषारोपण बंद कर अहम् की तिलांजलि दे शिक्षक हित के लिए कुछ सोचिये,करिये
मैंने किया और वीरपुर के शिक्षकों ने साथ दिया जहाँ संघ विशेष से उठ सभी नियोजितों ने मूल्याङ्कन कार्य का बहिष्कार किया।यदि हिम्मत है तो किसी नियोजित को वहां कह के देखिये कि कॉपी जांचे आपके संघ ने नहीं किया तो आपको जबाब मिलेगा कौन संघ कैसा संघ मैं नहीं जानता। हम राज्य में सबसे पहले किए गए विरोध के समर्थन में ऐसा कर रहें हैं।आगे जो भी संघ (कोई भी)करेगा वही करेंगे।
एक बात और आगे 5 दिन का समय है,यदि अब भी नहीं सम्हले तो वीरपुर के शिक्षक आप सब का विरोध करेंगे।किसी कार्यक्रम में आपका साथ नहीं देंगे और यदि सभी आपका साथ दे भी देंगे तो फाज़िलपुर के शिक्षक आप में से किसी का साथ नहीं देंगे।ये मेरी तरफ से किया गया चैलेंज है।
कन्हैया भारद्वाज
वीरपुर बेगूसराय।