--> <!--Can't find substitution for tag [post.title]--> | The Bihar Teacher Times - बिहार शिक्षक नियोजन

LIVE : UPTET Result 2021

Breaking Posts

सभी 8000 अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक बहाल हों

पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को दो महीने में करीब आठ हजार अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशकों की बहाली प्रक्रिया पूरी कर लेने का आदेश दिया है. जस्टिस शिवाजी पांडेय के एकलपीठ ने सोमवार को अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव  को यह आदेश दिया. चतुर्थ वर्ग के पदों पर इनकी नियुक्ति होगी. कोर्ट ने कहा कि इसके पहले कई बार इस संबंध में आदेश दिया गया है. 
 
लेकिन, सरकार ने बहाली प्रक्रिया शुरू करने की अब तक कोई पहल नहीं की है. बिहार राज्य अनौपचारिक शिक्षक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को संघ की परिभाषा बताते हुए कहा कि इसमें सभी उचित आवेदकों को लाभ मिले, इसका ख्याल रखा जाना चाहिए. 
कोर्ट ने  कहा कि सरकार अनौपचारिक शिक्षक संघ की सदस्यता की जांच कर ले और उस आधार पर सभी को समायोजित कर कोर्ट को जानकारी उपलब्ध दे. आठ सप्ताह के बाद अवमानना याचिका की दोबारा सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता के वकील विष्णुकांत दूबे ने बताया कि एकलपीठ ने पूर्व में सरकार को इन्हें समायोजित करने का आदेश दिया था. सरकार ने फैसले के खिलाफ अपील याचिका दायर की थी. अपील याचिका का फैसला भी अनौपचारिक शिक्षकों के पक्ष में आया. इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एलपीए के फैसले पर हस्तक्षेप नहीं करेगी. 
 
लेकिन, कोर्ट ने आवेदकों को इसका लाभ देने को कहा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए सरकारी वकील ने सोमवार को कहा कि वह कोर्ट में आनेवाले आवेदकों को समायोजित करने की प्रक्रिया शुरू होगी. इस पर कोर्ट ने कहा कि संघ ने जब याचिका दायर की है, तो यह जरूरी नहीं कि सारे सदस्य की ओर से अलग-अलग याचिका दाखिल की जाये. कोर्ट ने संघ की सदस्यता जांच कर सभी पीड़ितों को समायोजित करने का आदेश दिया. 
 
1985-86 में सरकार ने स्कूल नहीं जानेवाले 14 वर्ष तक  के बच्चों को पढ़ाने के लिए अनौपचारिक शिक्षा का गठन किया था. इसमें करीब 15 हजार लोग थे. झारखंड के अलग होने के बाद बिहार में करीब आठ हजार अनौपचारिक शिक्षक रह गये. 2003 में सरकार ने इसे समाप्त कर दिया था. इस फैसले को संघ ने चुनौती दी. 2006 में एकलपीठ ने अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों के पक्ष में फैसला दिया.
 
रॉकी के भाई िरकी यादव को िमली अग्रिम जमानत
 

पटना हाइकोर्ट ने गया  के आदित्य सचदेवा हत्याकांड के अभियुक्त राॅकी यादव के भाई रिकी यादव की  अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है. जस्टिस आरके मिश्रा के कोर्ट ने पटना  एयरपोर्ट थाने में दर्ज सरकारी कामकाज में बाधा डालने के केस में रिकी  यादव को जमानत दी है.उस पर मारपीट कर राॅकी यादव को गिरफ्तार नहीं  करने देने का आरोप था.

Popular Posts

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();