नालंदा । यहां शिक्षक का सीट बिकता है बोलो खरीदोगे क्या। यह बात कुछ सुनने में अटपटा तो लगता है पर यह बात सोलहआना सच है। पैसा फेकों और शिक्षक बनों का खेल नालंदा जिला में पूरे शबाब पर है। थरथरी प्रखण्ड में तृतीय चरण के प्रखण्ड शिक्षक की फर्जी नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब थरथरी बीडीओ रामजी पासवान ने स्थानीय थाना में फर्जी शिक्षिका गंगोतरी कुमारी के साथ इस शिक्षिका को फर्जी नियोजन पत्र देने वाले शिक्षक अनिल कुमार पर प्राथमिकी दर्ज कराई।
वहीं थरथरी बीडीओ ने कहा कि वे तीन बजे मवि अस्ता स्कूल में जांच के लिए पहुंचे। वहां पहुंचने के उपरान्त शिक्षकों की उपस्थिति पंजी देखकर भौंचक रह गया। दरअसल शिक्षक बहाली में बहाल हुई शिक्षिका गंगोतरी कुमारी का 17 जुलाई 2015 की योगदान तिथि देखकर मुझे फर्जीवाडे़ का शक हुआ। जब मैं प्रधानाध्?यापक विन्देश्वर प्रसाद से इस योगदान तिथि के सत्यापन के लिए प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी का पत्र मांगा तो इन्होंने मुझे गंगोतरी कुमारी का योगदान लेटर थमा दिया। उसके बाद मैं अपनी शंका को दूर करने के लिए अपने कार्यालय से दूरभाष पर प्रखण्ड नियोजन इकाई से संबंधित पत्रांक 12/15-4-2015 के बारें में जानकारी प्राप्त किए तो पता चला कि उक्त पत्रांक दिनांक से सोनाली सिन्?हा प्रखण्ड शिक्षक मध्य विद्यालय थरथरी का नियोजन पत्र निर्गत है। वहीं जब अन्य शिक्षकों के समक्ष गंगोतरी कुमारी से पूछताछ की गई तो बताया गया कि उन्हें यह नियोजन पत्र प्रखण्ड संसाधन केन्द्र में रहने वाले शिक्षक अनिल कुमार ने दी है। इस फर्जी शिक्षक नियुक्ति पर संज्ञान लेते हुए थरथरी थाने में एफआईआर के साथ जिला पदाधिकारी, पुलिसअधीक्षक के साथ-साथ अन्य वरीय पदाधिकारी को सूचित किया है। वहीं शिक्षक अभ्यथियों की बात मानें तो मेधा सूची और टीइटी का फर्जी सर्टीफिकेट लगाकर शिक्षा माफिया ने प्रत्येक सीट को बोली लगाकर बेच चुका है। अगर तृतीय चरण की बहाली को देखा जाय तो कई अभ्यर्थी फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो यदि इस पूरे प्रकरण कीं गंभीरता से जांच की जाएं तो जिले के थरथरी, चंडी, नगरनौसा प्रखण्ड में प्रथम चरण से लेकर अभी तक शिक्षक बहाली का कम से कम 70 प्रतिशत फर्जी शिक्षक पकड़ में आ सकते हैं।
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कैसे चल रहा है फर्जीवाड़े का खेल
दूसरे जिला के अभ्यर्थी जो इस प्रखण्ड में आवेदन किए हैं और वहीं अभ्यर्थी दूसरे जिले में या अपने गृह जिले में नियुक्त हो जाने के कारण उनके प्रमाण पत्र पर वहीं नाम और वहीं सर्टिफिकेट पर पैसे लेकर शिक्षा माफिया के द्वारा दूसरे लोगों को बहाल करवाया गया है। एक तरह से कहा जाय की एक सर्टिफिकेट पर कई लोग विभिन्न जिले के विभिन्न नियोजन इकाई में कार्यरत हैं।
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कहते हैं पदाधिकारी
शिक्षक नियोजन का मामला निगरानी विभाग द्वारा चलाई जा रही है। लेकिन बीडीओ के जांच में यदि इस तरह के फर्जीवाड़े की बात आई है तो यह गंभीर बात है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
योगेश चन्द्र ¨सह
जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा
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वहीं थरथरी बीडीओ ने कहा कि वे तीन बजे मवि अस्ता स्कूल में जांच के लिए पहुंचे। वहां पहुंचने के उपरान्त शिक्षकों की उपस्थिति पंजी देखकर भौंचक रह गया। दरअसल शिक्षक बहाली में बहाल हुई शिक्षिका गंगोतरी कुमारी का 17 जुलाई 2015 की योगदान तिथि देखकर मुझे फर्जीवाडे़ का शक हुआ। जब मैं प्रधानाध्?यापक विन्देश्वर प्रसाद से इस योगदान तिथि के सत्यापन के लिए प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी का पत्र मांगा तो इन्होंने मुझे गंगोतरी कुमारी का योगदान लेटर थमा दिया। उसके बाद मैं अपनी शंका को दूर करने के लिए अपने कार्यालय से दूरभाष पर प्रखण्ड नियोजन इकाई से संबंधित पत्रांक 12/15-4-2015 के बारें में जानकारी प्राप्त किए तो पता चला कि उक्त पत्रांक दिनांक से सोनाली सिन्?हा प्रखण्ड शिक्षक मध्य विद्यालय थरथरी का नियोजन पत्र निर्गत है। वहीं जब अन्य शिक्षकों के समक्ष गंगोतरी कुमारी से पूछताछ की गई तो बताया गया कि उन्हें यह नियोजन पत्र प्रखण्ड संसाधन केन्द्र में रहने वाले शिक्षक अनिल कुमार ने दी है। इस फर्जी शिक्षक नियुक्ति पर संज्ञान लेते हुए थरथरी थाने में एफआईआर के साथ जिला पदाधिकारी, पुलिसअधीक्षक के साथ-साथ अन्य वरीय पदाधिकारी को सूचित किया है। वहीं शिक्षक अभ्यथियों की बात मानें तो मेधा सूची और टीइटी का फर्जी सर्टीफिकेट लगाकर शिक्षा माफिया ने प्रत्येक सीट को बोली लगाकर बेच चुका है। अगर तृतीय चरण की बहाली को देखा जाय तो कई अभ्यर्थी फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो यदि इस पूरे प्रकरण कीं गंभीरता से जांच की जाएं तो जिले के थरथरी, चंडी, नगरनौसा प्रखण्ड में प्रथम चरण से लेकर अभी तक शिक्षक बहाली का कम से कम 70 प्रतिशत फर्जी शिक्षक पकड़ में आ सकते हैं।
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कैसे चल रहा है फर्जीवाड़े का खेल
दूसरे जिला के अभ्यर्थी जो इस प्रखण्ड में आवेदन किए हैं और वहीं अभ्यर्थी दूसरे जिले में या अपने गृह जिले में नियुक्त हो जाने के कारण उनके प्रमाण पत्र पर वहीं नाम और वहीं सर्टिफिकेट पर पैसे लेकर शिक्षा माफिया के द्वारा दूसरे लोगों को बहाल करवाया गया है। एक तरह से कहा जाय की एक सर्टिफिकेट पर कई लोग विभिन्न जिले के विभिन्न नियोजन इकाई में कार्यरत हैं।
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कहते हैं पदाधिकारी
शिक्षक नियोजन का मामला निगरानी विभाग द्वारा चलाई जा रही है। लेकिन बीडीओ के जांच में यदि इस तरह के फर्जीवाड़े की बात आई है तो यह गंभीर बात है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
योगेश चन्द्र ¨सह
जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा