पूर्णिया। उच्च विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षकों को प्रमाण पत्रों की जांच में नियोजन इकाई की मनमानी पर अब निगरानी से शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। निगरानी ने सभी नियोजन इकाईयों को इस बात की जानकारी दे दी है कि निर्धारित समय सीमा के अंदर जांच के लिये प्रमाण पत्र जमा नहीं करने वाले नियोजन इकाईयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा। जांच के लिये शैक्षणिक प्रमाण पत्र सहित अन्य कागजात जमा करने की अंतिम तिथि 13 अगस्त निर्धारित है।
मगर निगरानी के इस कड़ियल रूख के बाद भी पूर्णिया प्रमंडल में उच्च विद्यालयों में पदस्थापित महज पचास फीसदी शिक्षकों ने ही अपने प्रमाण पत्र जांच के लिये निगरानी के पास जमा किये हैं। निगरानी अब समय सीमा बीत जाने के बाद प्रमाण पत्र जमा नहीं करने वाली नियोजन इकाईयां एवं इसके लिये सक्षम शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की कार्रवाई में जुट गया है।
बताया जाता है कि पूर्णिया प्रमंडल में 1600 नियोजित शिक्षक उच्च विद्यालय में पद्स्थापित है। मगर जांच के लिये प्रमाण पत्र जमा करने की तय समय सीमा बाद भी महज 851 शिक्षकों द्वारा प्रमाण पत्र जमा किया गया है। पूर्णिया में 451 शिक्षक उच्च विद्यालयों में पदस्थापित है मगर 200 शिक्षकों के ही प्रमाण पत्र अब तक जांच के लिये जमा किये गये हैं। यही हाल कटिहार, अररिया एवं किशनगंज जिले में भी पदस्थापित शिक्षकों में से महज पचास फीसदी शिक्षकों ने ही प्रमाण पत्र सौैंपा है। बताया जाता है कि शिक्षक नियोजन में बरती गयी धांधली का आलम यह है कि कई नियोजन इकाईयों को नियोजन के समय उपयोग में लायी गयी मेधा सूची के अलावा नियोजन के लिये आये आवेदन ढूंढे भी नहीं मिल रहे हैं। कहीं मिल भी रहे हैं तो वह आधे अधूरे हैं। इसके अलावा नियोजन इकाईयों के पास से नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र भी गायब हो गये हैं। कई स्थानों पर तो आलम यह है कि नियोजन प्रक्रिया की पूरी संचिका कहां गुम हो गयी है किसी को पता ही नहीं है। नियोजन संबंधी सचिका एवं कागजात लंबे समय से नहीं मिलने के कारण निगरानी जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। जांच में विलंब पर पहले से ही उच्च न्यायालय की फटकार खा चुका निगरानी विभाग नियोजन इकाईयों को आवश्यक कागजात जमा करने की कई बार समय दे चुका है। मगर नियोजन इकाईयों द्वारा इसके बाद भी कागजात जमा नहीं करने पर निगरानी ने कड़ा रूख अपनाते हुए समय सीमा में प्रमाण पत्र व नियोजन संबंधी कागजात जमा नहीं करने वाली सभी नियोजन इकाईयों पर मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है।
---------------------------------कोट के लिये
-----------------प्रमाण पत्र जमा करने की समय सीमा समाप्त हो गयी है, समय सीमा तक जांच के लिये प्रमाण पत्र जमा नहीं करने वाली नियोजन इकाईयां एवं इसके लिये सक्षम पदाधिकारी के खिलाफ निगरानी विभाग मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई करेगी: तारणी प्रसाद यादव, डीएसपी, निगरानी विभाग
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मगर निगरानी के इस कड़ियल रूख के बाद भी पूर्णिया प्रमंडल में उच्च विद्यालयों में पदस्थापित महज पचास फीसदी शिक्षकों ने ही अपने प्रमाण पत्र जांच के लिये निगरानी के पास जमा किये हैं। निगरानी अब समय सीमा बीत जाने के बाद प्रमाण पत्र जमा नहीं करने वाली नियोजन इकाईयां एवं इसके लिये सक्षम शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की कार्रवाई में जुट गया है।
बताया जाता है कि पूर्णिया प्रमंडल में 1600 नियोजित शिक्षक उच्च विद्यालय में पद्स्थापित है। मगर जांच के लिये प्रमाण पत्र जमा करने की तय समय सीमा बाद भी महज 851 शिक्षकों द्वारा प्रमाण पत्र जमा किया गया है। पूर्णिया में 451 शिक्षक उच्च विद्यालयों में पदस्थापित है मगर 200 शिक्षकों के ही प्रमाण पत्र अब तक जांच के लिये जमा किये गये हैं। यही हाल कटिहार, अररिया एवं किशनगंज जिले में भी पदस्थापित शिक्षकों में से महज पचास फीसदी शिक्षकों ने ही प्रमाण पत्र सौैंपा है। बताया जाता है कि शिक्षक नियोजन में बरती गयी धांधली का आलम यह है कि कई नियोजन इकाईयों को नियोजन के समय उपयोग में लायी गयी मेधा सूची के अलावा नियोजन के लिये आये आवेदन ढूंढे भी नहीं मिल रहे हैं। कहीं मिल भी रहे हैं तो वह आधे अधूरे हैं। इसके अलावा नियोजन इकाईयों के पास से नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र भी गायब हो गये हैं। कई स्थानों पर तो आलम यह है कि नियोजन प्रक्रिया की पूरी संचिका कहां गुम हो गयी है किसी को पता ही नहीं है। नियोजन संबंधी सचिका एवं कागजात लंबे समय से नहीं मिलने के कारण निगरानी जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। जांच में विलंब पर पहले से ही उच्च न्यायालय की फटकार खा चुका निगरानी विभाग नियोजन इकाईयों को आवश्यक कागजात जमा करने की कई बार समय दे चुका है। मगर नियोजन इकाईयों द्वारा इसके बाद भी कागजात जमा नहीं करने पर निगरानी ने कड़ा रूख अपनाते हुए समय सीमा में प्रमाण पत्र व नियोजन संबंधी कागजात जमा नहीं करने वाली सभी नियोजन इकाईयों पर मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है।
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