सारण। पंचायत व प्रखंड के शिक्षक अभ्यर्थियों ने नियोजन सूची का अनुमोदन नहीं किये जाने पर शुक्रवार को जिला शिक्षा कार्यालय में जमकर हंगामा करने के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी का घेराव किया।शिक्षक अभ्यर्थी सूची को अनुमोदित करने व उसमें देरी करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस बीच जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) अजीत सिंह भी पहुंच गये।
शिक्षक अभ्यर्थियों ने उनके साथ भी बकझक की। आक्रोशित अभ्यर्थियों कहना था कि शिक्षा विभाग जानबूझकर अनुमोदन करने में देरी कर रहा है। आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने के बाद नियोजन की प्रक्रिया रुक जाएगी। डीएम के आदेश के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि डीएम ने एक-दो दिन में सूची का अनुमोदन करने का निर्देश दिया था। डीईओ कार्यालय में हंगामा की सूचना मिलते ही भगवान बाजार थाने की पुलिस वहां पहुंच गई और डीईओ के साथ मिलकर घेराव कर रहे अभ्यर्थियों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
उल्लेखनीय हैे कि पांच माह से शिक्षक अभ्यर्थी सूची के अनुमादेन के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इस बीच काफी जद्दोजहद के बाद भी शिक्षा विभाग 323 पंचायतों में मात्र 131 पंचायात के (वर्ग 1-5) प्रारंभिक शिक्षक नियोजन इकाई का अनुमोदन कर सका है। अभी 192 पंचायतों में अनुमोदन बाकी है। जिसकी वजह से प्रारंभिक शिक्षकों को नियोजन पत्र नहीं मिलेगा। प्रखंड शिक्षकों की स्थिति तो और खराब है। मात्र रिविलगंज प्रखंड का ही अनुमोदन हो पाया है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि अगर अनुमोदन में देरी हुयी तो चुनाव आचार संहिता में नियोजन फंस सकता है। जिसको लेकर अभ्यर्थियों में बैचेनी बढ़ गयी है। वहीं सीटीईटी के अभ्यर्थियों की कहानी दूसरी है। उनके प्रमाण पत्रों की जांच ही नहीं की गयी। जिसके कारण उनके अनुमोदन का फाइल लटकी है। करीब एक सौ से अधिक सीटीईटी पास अभ्यर्थी हैं।
बताते चलें कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के प्रमाण पत्रों की जांच की सीडी शिक्षा विभाग के पास नहीं है। जिसके कारण उन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच नहीं हो सकी है। शिक्षा विभाग ने पंचायत नियोजन इकाई को ही प्रमाण पत्रों की जांच करने का निर्देश दिया है। लेकिन जब डीईओ के पास सीडी नहीं है तो पंचायत प्रमाण पत्रों की जांच कैसे करेगी? उनकी बात सुनने वाला भी कोई नहीं है।
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शिक्षक अभ्यर्थियों ने उनके साथ भी बकझक की। आक्रोशित अभ्यर्थियों कहना था कि शिक्षा विभाग जानबूझकर अनुमोदन करने में देरी कर रहा है। आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने के बाद नियोजन की प्रक्रिया रुक जाएगी। डीएम के आदेश के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि डीएम ने एक-दो दिन में सूची का अनुमोदन करने का निर्देश दिया था। डीईओ कार्यालय में हंगामा की सूचना मिलते ही भगवान बाजार थाने की पुलिस वहां पहुंच गई और डीईओ के साथ मिलकर घेराव कर रहे अभ्यर्थियों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
उल्लेखनीय हैे कि पांच माह से शिक्षक अभ्यर्थी सूची के अनुमादेन के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इस बीच काफी जद्दोजहद के बाद भी शिक्षा विभाग 323 पंचायतों में मात्र 131 पंचायात के (वर्ग 1-5) प्रारंभिक शिक्षक नियोजन इकाई का अनुमोदन कर सका है। अभी 192 पंचायतों में अनुमोदन बाकी है। जिसकी वजह से प्रारंभिक शिक्षकों को नियोजन पत्र नहीं मिलेगा। प्रखंड शिक्षकों की स्थिति तो और खराब है। मात्र रिविलगंज प्रखंड का ही अनुमोदन हो पाया है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि अगर अनुमोदन में देरी हुयी तो चुनाव आचार संहिता में नियोजन फंस सकता है। जिसको लेकर अभ्यर्थियों में बैचेनी बढ़ गयी है। वहीं सीटीईटी के अभ्यर्थियों की कहानी दूसरी है। उनके प्रमाण पत्रों की जांच ही नहीं की गयी। जिसके कारण उनके अनुमोदन का फाइल लटकी है। करीब एक सौ से अधिक सीटीईटी पास अभ्यर्थी हैं।
बताते चलें कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के प्रमाण पत्रों की जांच की सीडी शिक्षा विभाग के पास नहीं है। जिसके कारण उन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच नहीं हो सकी है। शिक्षा विभाग ने पंचायत नियोजन इकाई को ही प्रमाण पत्रों की जांच करने का निर्देश दिया है। लेकिन जब डीईओ के पास सीडी नहीं है तो पंचायत प्रमाण पत्रों की जांच कैसे करेगी? उनकी बात सुनने वाला भी कोई नहीं है।
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