बांका। फर्जी या जाली प्रमाण पत्र पर नौकरी पाये शिक्षकों को क्षमादान का विभागीय पत्र बांका में जारी हो गया है। नौ जुलाई तक स्वेच्छा से अपना त्यागपत्र देने वाले ऐसे फर्जी शिक्षकों को सरकार माफी दे देगी। उनके खिलाफ कोई विभागीय या कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। ना ही वेतन मद में उठायी गयी राशि वापस करायी जाएगी। इस संबंध में डीपीओ स्थापना अब्दुल मोकीत ने बुधवार शाम पत्र जारी किया है। जिसके मुताबिक माननीय उच्च न्यायालय के पारित आदेश के आलोक में नियोजित शिक्षकों को ऐसा ऑफर दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि कोई नियोजित शिक्षक जो जाली या धोखाधड़ी वाले शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर बहाल हुए हैं वे इस ऑफर का लाभ ले सकते हैं। डीपीओ ने बताया कि इसकी सूचना सभी पंचायत, प्रखंड, नगर और जिला परिषद नियोजन समिति को भेज दी गयी है। शनिवार तक इस सूचना को सभी विद्यालयों में सार्वजनिक कर दिया जाना है। फर्जी शिक्षक अपने नियोजन समिति सचिव के पास ही त्यागपत्र सौपेंगे। समिति सचिव को उसी दिन त्यागपत्र स्वीकार कर लेना है तथा दूसरे दिन तक वे इसकी सूचना डीपीओ स्थापना कार्यालय को उपलब्ध करा देंगे। नौ जुलाई की शाम पांच बजे तक इस्तीफा नहीं देने वाले फर्जी शिक्षकों पर माफी का ऑफर लागू नहीं होगा। प्रमाण पत्र की चल रही निगरानी जांच में फर्जी साबित होने पर ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त करते हुए कानूनी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही वेतनादि में ली गयी राशि भी वसूल की जाएगी। साथ ही ऐसे शिक्षक को राज्य ्रसरकार के अधीन किसी भी संस्था में नौकरी के लिए स्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
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इसमें कहा गया है कि कोई नियोजित शिक्षक जो जाली या धोखाधड़ी वाले शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर बहाल हुए हैं वे इस ऑफर का लाभ ले सकते हैं। डीपीओ ने बताया कि इसकी सूचना सभी पंचायत, प्रखंड, नगर और जिला परिषद नियोजन समिति को भेज दी गयी है। शनिवार तक इस सूचना को सभी विद्यालयों में सार्वजनिक कर दिया जाना है। फर्जी शिक्षक अपने नियोजन समिति सचिव के पास ही त्यागपत्र सौपेंगे। समिति सचिव को उसी दिन त्यागपत्र स्वीकार कर लेना है तथा दूसरे दिन तक वे इसकी सूचना डीपीओ स्थापना कार्यालय को उपलब्ध करा देंगे। नौ जुलाई की शाम पांच बजे तक इस्तीफा नहीं देने वाले फर्जी शिक्षकों पर माफी का ऑफर लागू नहीं होगा। प्रमाण पत्र की चल रही निगरानी जांच में फर्जी साबित होने पर ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त करते हुए कानूनी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही वेतनादि में ली गयी राशि भी वसूल की जाएगी। साथ ही ऐसे शिक्षक को राज्य ्रसरकार के अधीन किसी भी संस्था में नौकरी के लिए स्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
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