PATNA: बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सह
संयोजक आलोक आजाद की अध्यक्षता में विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से
गुरुवार को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक आयोजित की गई. बैठक को
संबोधित करते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सह संयोजक आलोक
आजाद ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर शिक्षकों और
पुस्तकालयाध्यक्षों को त्रुटिपूर्ण सामंजन पत्र निकाल कर मानसिक रूप से
परेशान कर रही है.
उन्होंने बिहार के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के हड़ताल अवधि की गणना में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उसमें सुधार करने की नसीहत शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी है. बिहार सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों के सम्मान के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सह संयोजक आलोक आजाद ने निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) की ओर से जारी आदेश जिसमें माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के हड़ताल अवधि की गणना 29 दिन किए जाने पर आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा है कि अब तक की परम्परा के अनुसार हड़ताल अवधि की गणना तथा समंजन मात्र उस अवधि के शैक्षणिक कार्य दिवसों की हुई क्षति की होती रही है.
मगर विभाग ने इससे इतर कार्य दिवसों के अतिरिक्त हड़ताल अवधि में रविवार और होली जैसे महान पर्व के छुट्टियों की भी संयुक्त गणना कर दी है. जो ना सिर्फ मानवीय दृष्टिकोण के खिलाफ है बल्कि शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों और विभाग के परंपरा के भी प्रतिकूल है. उन्होंने मांग की है कि शिक्षा विभाग की ओर से इस पत्र को सुधार करते हुए हड़ताल अवधि में रविवार सहित अन्य सार्वजनिक छुट्टियों को हटाकर मात्र कार्य दिवसों की ही गणना करे तथा उसके आधार पर उतने ही दिनों का सामंजन करने का निर्देश पुनः जारी किया जाए.
आलोक आजाद ने कहा कि ग्रीष्मावकाश के बावजूद शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बिना किसी सुविधा और सुरक्षा उपकरण के अपनी जान को जोखिम में डाल कर कोरेनटाईन सेंटर पर कार्य कर रहे शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के हड़ताल अवधि का सामंजन न किया जाना शिक्षकों के साथ अन्यायपूर्ण है.
उन्होनें कहा कि माध्यमिक शिक्षा के शैक्षिक कैलेंडर सह अवकाश तालिका के अनुसार ग्रीष्मावकाश की छुट्टियां 18 मई से 10 जून तक पूर्व से ही तय की गई है. जिसमें विभाग के ही आदेशानुसार इन छुट्टियों में शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को क्वारंटाइन सेंटरों के साथ ही अपने विद्यालयों में मौजूद रहकर काम करने पर भी शिक्षकों का कार्य दिवसों की गणना ना करना शिक्षा विभाग का शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के प्रति अमानवीयता दर्शाता है.
उन्होंने सरकार से गर्मी की पूरी छुट्टियों की अवधि को कार्य दिवस मानते हुए हड़ताल अवधि की गणना में शामिल करने और कोरोना संक्रमण को देखते हुए हड़ताल अवधि को सामंजित करते हुए वेतन भुगतान करने की मांग की.
उन्होंने विडियो कान्फ्रेसिंग में मौजूद सभी शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों से बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पाण्डेय में विश्वास जताते हुए कहा कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को लॉकडाउन अवधि का वेतन भुगतान निलंबन मुक्ति के साथ मुल्यांकन बहिष्कार करने वाले शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों पर एफआईआर की वापसी से संबंधित पत्र निकला है. वैसे ही सामंजन संबंधित सुधार पत्र भी संघ के नेतृत्व में निकलेगा.
उन्होंने बिहार के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के हड़ताल अवधि की गणना में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उसमें सुधार करने की नसीहत शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी है. बिहार सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों के सम्मान के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सह संयोजक आलोक आजाद ने निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) की ओर से जारी आदेश जिसमें माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के हड़ताल अवधि की गणना 29 दिन किए जाने पर आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा है कि अब तक की परम्परा के अनुसार हड़ताल अवधि की गणना तथा समंजन मात्र उस अवधि के शैक्षणिक कार्य दिवसों की हुई क्षति की होती रही है.
मगर विभाग ने इससे इतर कार्य दिवसों के अतिरिक्त हड़ताल अवधि में रविवार और होली जैसे महान पर्व के छुट्टियों की भी संयुक्त गणना कर दी है. जो ना सिर्फ मानवीय दृष्टिकोण के खिलाफ है बल्कि शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों और विभाग के परंपरा के भी प्रतिकूल है. उन्होंने मांग की है कि शिक्षा विभाग की ओर से इस पत्र को सुधार करते हुए हड़ताल अवधि में रविवार सहित अन्य सार्वजनिक छुट्टियों को हटाकर मात्र कार्य दिवसों की ही गणना करे तथा उसके आधार पर उतने ही दिनों का सामंजन करने का निर्देश पुनः जारी किया जाए.
आलोक आजाद ने कहा कि ग्रीष्मावकाश के बावजूद शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बिना किसी सुविधा और सुरक्षा उपकरण के अपनी जान को जोखिम में डाल कर कोरेनटाईन सेंटर पर कार्य कर रहे शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के हड़ताल अवधि का सामंजन न किया जाना शिक्षकों के साथ अन्यायपूर्ण है.
उन्होनें कहा कि माध्यमिक शिक्षा के शैक्षिक कैलेंडर सह अवकाश तालिका के अनुसार ग्रीष्मावकाश की छुट्टियां 18 मई से 10 जून तक पूर्व से ही तय की गई है. जिसमें विभाग के ही आदेशानुसार इन छुट्टियों में शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को क्वारंटाइन सेंटरों के साथ ही अपने विद्यालयों में मौजूद रहकर काम करने पर भी शिक्षकों का कार्य दिवसों की गणना ना करना शिक्षा विभाग का शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के प्रति अमानवीयता दर्शाता है.
उन्होंने सरकार से गर्मी की पूरी छुट्टियों की अवधि को कार्य दिवस मानते हुए हड़ताल अवधि की गणना में शामिल करने और कोरोना संक्रमण को देखते हुए हड़ताल अवधि को सामंजित करते हुए वेतन भुगतान करने की मांग की.
उन्होंने विडियो कान्फ्रेसिंग में मौजूद सभी शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों से बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पाण्डेय में विश्वास जताते हुए कहा कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को लॉकडाउन अवधि का वेतन भुगतान निलंबन मुक्ति के साथ मुल्यांकन बहिष्कार करने वाले शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों पर एफआईआर की वापसी से संबंधित पत्र निकला है. वैसे ही सामंजन संबंधित सुधार पत्र भी संघ के नेतृत्व में निकलेगा.