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भागलपुर : फ्रेंचाइजी कंपनी के जाने के बाद से बिजली व्यवस्था कुछ इस तरह पटरी से उतरी कि अब तक संभल नहीं पायी है. हालात यह है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे बिजली का संकट और भी गहराता जा रहा है. इस सीजन का अभी तक में सबसे ज्यादा कटौती गुरुवार को हुई है. 
 
सबौर ग्रिड से शहर को जाने वाली दाे मेन लाइन में रात आठ फॉल्ट आ गया और पूरे शहर की बिजली ब्लैक आउट हो गयी. बरारी उपकेंद्र के चलते पूर्वी, तो सिविल सर्जन उपकेंद्र की मेन लाइन के कारण मध्य शहर अंधेरे में डूब गया. ये दोनों लाइन तिलकामांझी विद्युत सब डिवीजन के अधीन है. फॉल्ट आने की सूचना के घंटे भर तक जिम्मेदार इंजीनियर की ओर से कार्रवाई तक शुरू नहीं हो सकी. कार्रवाई जब शुरू की तो एक साथ खराब हुए दोनों मेन लाइन को ठीक करने के लिए लाइनमैन ही कम पड़ गये. इस कारण वश आधी रात तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी. उक्त दोनों विद्युत उपकेंद्र की लाइन पर स्थापित सेंट्रल जेल व मायागंज एवं टीटीसी से जुड़े छह लाख से ज्यादा की आबादी छटपटा कर रह गये. इधर, बाकी बचे अलीगंज विद्युत उपकेंद्र की लाइन ठीक-ठाक रहते हुए भी दक्षिणी शहर अंधेरे में डूबा रहा. दरअसल, ओवरलोड के कारण आधा दर्जन फीडर में दो-तीन से ही आपूर्ति हो रही थी, उसमें भी लो वोल्टेज के कारण उपभोक्ताओं को कोई फर्क नहीं पड़ा. इस दौरान शहर में सप्लाई के लिए सबौर ग्रिड को 80 मेगावाट बिजली मिल रही थी मगर, ब्लैक आउट के कारण 20 मेगावाट से ज्यादा खपत नहीं हो सकी. 
 
सबौर ग्रिड का डेढ़ घंटे के लिए पावर घटा, देर रात तक शहर में सप्लाई ध्वस्त: लगभग डेढ़ घंटे के लिए सबौर ग्रिड के पावर में आयी कमी के चलते देर रात तक शहर की आपूर्ति ध्वस्त रही. फुल लोड बिजली मिलती रहने के बावजूद आपूर्ति में सुधार नहीं हो सकी. शुरुआती समय में दो-दो घंटे की कटौती हुई. इसके बाद 10 दिन में बिजली ट्रिप करती रही. इस तरह से दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक बिजली आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त रह गयी. 
 

जर्जर उपकरण गर्मी बढ़ने पर दे जाते हैं दगा: लगभग सभी विद्युत उपकेंद्रों पर बीसों साल पुराने बिजली के उपकरण लगे हुए हैं जो जरा सा भी लोड बढ़ने पर दगा दे जाते हैं. ट्रांसफाॅर्मर काफी पुराने हैं उनकी क्षमता भी काफी कम है जबकि उन पर लोड अधिक है. गर्मी में लोड और बढ़ जाता है.

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