साथ ही नौवीं से 12वीं कक्षा तक देश की 15 लाख कक्षाओं में डिजीटल बोर्ड लगाने का अभियान भी शुरू किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक, 2017 पर चर्चा का जवाब देते हुए यह घोषणा की। सदन में सर्वसम्मति से ध्वनिमत के साथ विधेयक को मंजूरी दे दी।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षकों की गुणवत्ता जरूरी
जावड़ेकर ने कहा कि चर्चा में भाग लेने वाले सभी सदस्यों ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षकों की गुणवत्ता को सबसे महत्वपूर्ण माना है। उन्होंने कहा जिनको कोई काम नहीं मिला, वे शिक्षक बने गए, इस परंपरा को समाप्त करने के लिए सरकार चार साल की अवधि वाला बीए-बीएड/ बीएससी-बीएड/ बीकॉम-बीएड के समग्र पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है। इससे 12वीं पास करने के बाद वही लोग आएंगे जो शिक्षक बनना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि एक साल का बीएड अभी जारी रहेगा, लेकिन पांच साल बाद इसे समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा का बजट 70 प्रतिशत बढ़कर एक लाख दस हजार करोड़ रुपए का हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड चलाया जाता था।
नौवीं से 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए करीब 15 लाख कक्षाओं में लगेंगे डिजीटल बोर्ड
अब सरकार नौवीं से 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए देश की करीब 15 लाख कक्षाओं में डिजीटल बोर्ड लगाने का अभियान चलाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए देश के सभी सरकारी एवं निजी 18,600 संस्थानों से वीडियोग्राफी सहित हलफनामा मांगा है कि उनके यहां क्या ढांचागत सुविधाएं हैं और शिक्षकों की क्या स्थिति है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में लगभग 8,700 और दूसरे चरण में करीब 3,700 संस्थानों से हलफनामे आ गए हैं। बाकी संस्थानों से भी मंगाए जा रहे हैं।