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12वीं के बाद चुन सकेंगे शिक्षक बनने की राह

भागलपुर। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) कोर्स में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर चुका है। शिक्षक बनने की पात्रता पूरी करने के लिए अब अलग-अलग कोर्स केवल बीएड कोर्स के ही संचालित होंगे।
इसमें खास बात यह कि बीएड अब दो के बजाय चार साल के होंगे।
अब शिक्षक बनने का सपना देखने वाले इंटर के बाद से ही अपने चुने हुए करियर की दिशा में आगे बढ़ेंगे। इसके लिए उन्हें स्नातक करने की जरूरत नहीं होगी। अब इंटर करने के बाद वह एनसीटीई के मान्यता प्राप्त कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। इसके लिए बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीएलएड के कोर्स संचालित होंगे। खास बात यह है कि दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम के स्थान पर इन्हीं कोर्सो को संचालित किए जाएंगे। टीएमयूनए कोर्स के कई लाभ है। अभी तक प्राइमरी, जूनियर हाईस्कूल और माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए पात्रता अलग-अलग है। नए संचालित हो रहे कोर्स को करने से भी कई लाभ मिलेंगे। बीए, बीएससी बीएड करने के बाद विद्यार्थी परास्नातक कर लेते हैं तो उन्हें कुल छह साल का समय लगेगा। जबकि वह इससे प्राइमरी, जूनियर हाईस्कूल और इंटर कालेज में रिक्तिया निकलने पर आवेदन के पात्र होंगे। इस प्रकार उन्हें एक वर्ष का लाभ भी मिलेगा। इससे काफी उन्हें राहत मिलेगी।


एक ही कोर्स करने से हो जाएंगे इंटरमीडिएट तक पढ़ाने के पात्र : इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री भी अपने साक्षात्कार में बीएड पर अपना वक्तव्य दे चुके हैं। एनसीईटी से स्वीकृति मिलने पर देश भर के विश्वविद्यालयों में इसे लागू किया जा सकता है। चार वर्षीय इन कोर्स में एडमिशन लेने से एक साल का लाभ मिलेगा और करियर को लेकर अनिश्चतता भी खत्म होगी। अभी तक विद्यार्थी स्नातक करने के बाद करियर को लेकर निश्चित नहीं कर पाते हैं कि उन्हें क्या करना है। ऐसे में वह स्नातक और परास्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद बीएड करते हैं। स्नातक के बाद बीएड करने पर बीएड करने पर पाच साल और परास्नातक करने के बाद बीएड करने पर सात साल का समय लगता है। वहीं, इंटरमीडिएट के बाद कोर्स में एडमिशन लेने पर उनका बीएड कोर्स चार साल में ही पूरा हो जाएगा। यह उन विद्यार्थियों के लिए सबसे अच्छा है तो शुरुआत से ही शिक्षक बनना चाहते हैं। अभी तक कुछ नहीं हो पाने पर बीएड कर शिक्षक बनने का रास्ता अपनाने का चलन है।

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