कमेटी में विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी भी होंगे. कमेटी ने 15 फरवरी तक नियोजित शिक्षक संघों के साथ ही अन्य शिक्षक संघों और शिक्षा विभाग को अपना अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. 15 मार्च को कमेटी को सुप्रीम कोर्ट में बताना है कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षक को कितना वेतन दे सकती है.
कमेटी नियोजित शिक्षकों को मिल रहे वेतन की समीक्षा करेगी. सभी पक्षों से विचार से बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
इससे पहले बिहार के करीब साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन से जुड़े मसले पर 29 जनवरी को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को चीफ सेक्रेटरी के अंदर एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया था.
कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि जब अापने नियोजित शिक्षकों को पढ़ाने के लिए रखा तब उनकी क्वालिफिकेशन पर क्यों आपत्ति नहीं जताई? लेकिन जब समान काम का समान वेतन देने की बात आई तो आपने उनकी क्वालिफिकेशन पर प्रश्नचिन्ह लगाया, जबकि उन्हीं शिक्षकों से पढ़कर कितने छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है.