--> <!--Can't find substitution for tag [post.title]--> | The Bihar Teacher Times - बिहार शिक्षक नियोजन

LIVE : UPTET Result 2021

Breaking Posts

नियोजन नियमावली का एक सबसे बड़ा , एक बार फिर परीक्षा परीणाम को लेकर बिहार चर्चा के केन्द्र में

" कैसे सुधरे शिक्षा-कैसे बने बेहतर भविष्य "
एक बार फिर परीक्षा परीणाम को लेकर बिहार चर्चा के केन्द्र में है | पिछले साल के टॉपर घोटाला व लालकेश्वर कांड के बाद ऐसी उम्मीद जगी थी कि बिहार सरकार इस प्रकार के घोटालो से सिख लेते हुए शिक्षा के क्षेत्र में एक नया नजीर पेश करेगी लेकिन ऐसा हो न सका |

दिन-प्रतिदिन परीक्षा-परीणाम के खुलते परत-दर-परत राज ने बिहार सरकार सहित पुरे शिक्षा विभाग को कटघरे मे लाकर खड़ा कर दिया है |एक गरीब प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री के शासनकाल में इस प्रकार के फर्जीवाड़े ने कई सारे सवाल को जन्म दे दिया है | बिहार सरकार के माध्यमिक विद्यालय में ,मैं स्वंय एक नियोजित माध्यमिक शिक्षक के रुप में कार्यरत हूँ तथा इस वर्ष के इंटरमीडियट परीक्षा परीणाम से मुझे तनिक भी आश्चर्य नहीं है |
दरसल बिहार में आज शिक्षा व शिक्षक की जो हालत है, उसकी पटकथा आज से लगभग 11 वर्ष पूर्व 2006 में ही बीजेपी व जदयू की संयूक्त सरकार के द्वारा लिखी जा चुकी थी | शिक्षा की वर्तमान दुर्रदशा पर भले ही मुख्य विपक्षी पाट्री आज घड़ियाली आंसु बहा रहा हो लेकिन इससे उनके अपने कुकर्म धुलने वाले नही है | आज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात जोर-शोर से होने लगी है और इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है | सरकार की यह सक्रियता शिक्षको की बहाली (2006,2008) के समय कहा थी ," जब सर्टिफिकेट लाओ नौकरी पाओ की नीति " चल रही थी |उस समय क्यों नही ऐसी प्रक्रिया अपनाई गइ जिससे की योग्य शिक्षक बहाल हो पाए | पिछले 12 वर्षो में सरकार ने विद्यालय को पोशाक,छात्रवृति,साईकल व मध्याह्न भोजन जैसी खैरात बांटने का केन्द्र बना दिया और आज शिक्षा में गुणवत्ता की बात करती है | बिहार सरकार के नींतियो ने आज प्रारंभिक विद्यालय से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है | दोषपूर्ण नियोजन नियमावली ने थोक के भाव में अल्प मानदेय पर शिक्षको का नियोजन किया जिसका फायदा उठाकर बहुत सारे अयोग्य लोग भी शिक्षक बन गए | आज हालत यह है कि माध्यमिक / उच्चतर माध्यमिक विद्यालयो में कार्यरत शिक्षको से दो गुणा वेतन वहां साफ-सफाई व पानी पिलाने वाले चपरासी को मिलता है |यह किस प्रकार की शिक्षा नीति है ?क्या इस प्रकार की नीति को अपनाकर हम शिक्षको को पढ़ाने के लिए मानसिक रुप से तैयार कर पायेगें |एक नियोजित माध्यमिक शिक्षक के रुप मे मेरी अपनी मान्यता है कि जबतक शिक्षको को मानसिक व आर्थिक रुप से स्वतंत्र नही किया जायेगा उनसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद करना बेईमानी है | बिहार सरकार के दोषपूर्ण नियोजन नियमावली के कारण आज कोई भी योग्य व्यक्ति शिक्षक बनना नही चाहता और जो बन गए है वो मजबुरीवश इसे ढ़ो रहे है | यही कारण है कि पाँच चरण के नियोजन के बाद भी बिहार के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयो में अधिकांश विषयो के पद रिक्त है,ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे .......? इस नियोजन नियमावली का एक सबसे बड़ा दोष यह है कि इसमें स्वैच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान नहीं है | परिणामत: बहुत सारे शिक्षक अपने गृह-जिला से दुर के जिलो में नियोजित हो गए है और उन्हें उतना वेतन भी नही मिल पाता है कि वह अपने परिवारीक चिंता से मुक्त होकर विद्यालय मे अपना श्रेष्ट दे सके | इन सब चिजो से भी सरकारी विद्यालयो की शिक्षा की गुणवत्ता सीधे तौर पर प्रभावित होती है |
यदि सरकर की मंशा सही में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लागू करने की होती तो वह तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाकर सर्व-सहमति से इस नियोजन नियमावली को निरस्त करते हुए सभी स्तर के नियोजित शिक्षको के लिए " समान काम समान वेतन एंव समान सेवा-शर्त " को लागू करने के साथ यह घोषणा करती की आज के बाद शिक्षको को किसी भी प्रकार के गैर-शैक्षणिक कार्य में नही लगाया जायेगा | सरकारी योजना यथा पोशाक,छात्रवृति,साईकिल एंव मध्याह्न भोजन के मोनेट्रिंग सह् संचालन बाहरी निजि ऐजेंसि से कराए जायेगें लेकिन बिहार सरकार ऐसा करेगी नहीं |
दरसल यह सब खेला इस वर्ष के परीक्षा परीणाम से हो रहे फजिहत के कारण हो रहा है | बिहार सरकार दबाव में है इसिलिए माननिय मुख्यमंत्री ने शिक्षामंत्री सहित सभी अधिकारीयों को जवाब-तलब किया | आनन-फानन में रोडमैप पर काम प्रारंभ हो गया | अब एक कमिटी बनेगी जो रिपोर्ट करेगी और उसी के आधार पर सरकार अगला कदम उठायेगी | मेरे ख्याल से सरकार स्वंय नही चाहती है कि विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लागू हो यह रोडमैप का योजना पब्लिक एंव मिडिया दबाव को कम करने का एक तरीका मात्र है | कुछ दिनो तक हाई-वोलटेज ड्रामा के बाद सबकुछ पहले की तरह समान्य हो जायेगा | इनसब के बाद भी मैं निराश नहीं हूँ | शायद इतनी बड़ी जगहसाई के बाद बिहार सरकार के कार्यशैली में सही में सुधार भविष्य में परिलक्षित हो पाए |
धन्यवाद
राजेन्द्र कुमार
नियोजित माध्यमिक शिक्षक
सीतामढ़ी |

Popular Posts

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();