नवादा। समान काम का समान वेतन, सेवा शर्त सहित विभिन्न मांगों को लेकर
नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ का इंटरमीडिएट व मैट्रिक उत्तर पुस्तिकाओं
का मूल्यांकन बहिष्कार शुक्रवार को भी जारी रहा।
संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार भारती ने कहा कि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष द्वारा छात्र हित में मूल्यांकन कार्य के लिए दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन शिक्षक अभाव में दर-दर की ठोकर खा रहे हैं, शिक्षकों के परिवार का भविष्य अंधकारमय हो रहा है, उनके हित के बारे में प्रधान सचिव व अध्यक्ष कुछ नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए भी उन्हें पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। यह शिक्षकों का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन बिहार सरकार न्यायालय के फैसले को भी नजर अंदाज व अनसुनी कर रही है। जिसके कारण शिक्षक मूल्यांकन बहिष्कार को बाध्य हैं। छात्रों का भविष्य सरकार के हाथ में है। उन्होंने कहा कि सरकार छात्र व शिक्षक हित में संवेदनशीलता दिखाते हुए अविलंब शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे। साथ ही समान काम का समान वेतन देने की घोषणा कर लागू करे। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षकों की मांग पूरी नहीं होगी तबतक आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर प्रभात कुमार, जयंत कुमार, मुकुल कुमार, पूजा सिन्हा, राजेश कुमार, युगल किशोर योगेश, शैलेश कुमार, मनोज कुमार, अशोक कुमार, कृष्णनंदन कुमार, अशोक कुमार पावक, राकेश रंजन, रामशरण प्रसाद, अजय कुमार, राजीव कुमार, विनोद कुमार चौधरी,मो. समसुद्दीन, देव कुमार प्रसाद, पंकज कुमार, अविनाश कुमार, गिरानी चौधरी आदि उपस्थित थे।
संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार भारती ने कहा कि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष द्वारा छात्र हित में मूल्यांकन कार्य के लिए दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन शिक्षक अभाव में दर-दर की ठोकर खा रहे हैं, शिक्षकों के परिवार का भविष्य अंधकारमय हो रहा है, उनके हित के बारे में प्रधान सचिव व अध्यक्ष कुछ नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए भी उन्हें पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। यह शिक्षकों का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन बिहार सरकार न्यायालय के फैसले को भी नजर अंदाज व अनसुनी कर रही है। जिसके कारण शिक्षक मूल्यांकन बहिष्कार को बाध्य हैं। छात्रों का भविष्य सरकार के हाथ में है। उन्होंने कहा कि सरकार छात्र व शिक्षक हित में संवेदनशीलता दिखाते हुए अविलंब शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे। साथ ही समान काम का समान वेतन देने की घोषणा कर लागू करे। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षकों की मांग पूरी नहीं होगी तबतक आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर प्रभात कुमार, जयंत कुमार, मुकुल कुमार, पूजा सिन्हा, राजेश कुमार, युगल किशोर योगेश, शैलेश कुमार, मनोज कुमार, अशोक कुमार, कृष्णनंदन कुमार, अशोक कुमार पावक, राकेश रंजन, रामशरण प्रसाद, अजय कुमार, राजीव कुमार, विनोद कुमार चौधरी,मो. समसुद्दीन, देव कुमार प्रसाद, पंकज कुमार, अविनाश कुमार, गिरानी चौधरी आदि उपस्थित थे।