वैशाली : पिछले एक पखवारे से वित्तरहित शिक्षकों व सरकार के बीच जारी
तनातनी की वजह से इंटर का मूल्यांकन कार्य बाधित पड़ा है। अब नियोजित शिक्षक
भी मैट्रिक परीक्षा की कॉपी का मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार हड़ताल पर डट
गए हैं। ऐसे में मैट्रिक व इंटर के परीक्षार्थियों का ¨चतित होना लाजमी है।
एक ओर जहां वित्तरहित इंटर शिक्षक समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर पिछले बीस दिनों से हड़ताल पर डटे हैं। शिक्षक नेताओं की शिक्षा मंत्री के साथ अबतक हुई वार्ता विफल रही है। अब नियोजित शिक्षक में समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर सरकार के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों की हड़ताल का सीधा असर इंटर व मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य पर पड़ रहा है।
मालूम हो कि जिले में वैशाली महिला कॉलेज व जमूनी लाल कॉलेज को इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। जबकि गर्ल्स हाई स्कूल, जीए इंटर स्कूल व मुल्कजदा ¨सह हाईस्कूल को मैट्रिक का मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। सभी केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य ठप पड़ रहा है। इधर शिक्षकों की हड़ताल व मूल्यांकन कार्य बाधित होने से इंटर व मैट्रिक के परीक्षार्थियों की बेचैनी बढ़ गई है। छात्र-छात्राओं को अब रिजल्ट आने में देरी व उससे होने वाली परेशानी का भय सताने लगा है। अगर समय पर मैट्रिक व रिजल्ट नहीं आए तो शैक्षणिक सत्र विलंब होने के साथ-साथ अच्छे कॉलेज में नामांकन नहीं होने का भी भय सता रहा है।
अच्छे संस्थान में नामांकन नहीं मिलते का सता रहा डर
इंटर व मैट्रिक के परीक्षार्थियों को मूल्यांकन कार्य नहीं होने से रिजल्ट में विलंब होने का तो भय सता ही रहा है। साथ ही अच्छे संस्थानों में नामांकन नहीं हो पाने का डर भी। सूबे के कई बड़े कॉलेजों में सीबीएसई बोर्ड के बच्चे भी नामांकन कराते हैं। तकनीकी शिक्षा देने वाले अधिकतर संस्थानों में नामांकन प्रक्रिया मई-जून में ही प्रारंभ हो जाता है। दिल्ली, कोटा, हरियाणा, पुणे समेत अन्य राज्यों में भी मई-जून में नामांकन प्रारंभ हो जाता है। अगर समय पर रिजल्ट नहीं आया तो इस वर्ष शायद यहां के छात्र-छात्राओं को दूसरे राज्यों को तो छोड़िए बिहार के भी कई नामचीन कॉलेजों में नामांकन नहीं मिल पाएगा।
क्या कहते हैं परीक्षार्थी
- समय पर इंटर का रिजल्ट नहीं आने पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसका सीधा असर शैक्षणिक सत्र पर पड़ेगा। साथ ही अच्छे कॉलेजों में नामांकन भी नहीं हो पाएंगे।
- रूबी कुमारी, फोटो-55
- मैट्रिक व इंटर का रिजल्ट समय पर नहीं आने पर इसका सीधा असर दूसरे प्रदेशों में उच्च शिक्षा को जाने वाले छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ेगा। अच्छे संस्थानों में नामांकन में परेशानी होगी।
- श्वेता कुमारी, फोटो-56
- समय पर अगर रिजल्ट नहीं आया तो छात्र-छात्राओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। दूसरे राज्यों के कॉलेजों में नामांकन भी नहीं हो पाएगा।
- भोली कुमारी, फोटो- 57
- सरकारी व निजी संस्थानों में नामांकन के लिए मई-जून में ही नोटिस निकल जाती है। रिजल्ट समय पर नहीं आया तो अच्छे कॉलेज में सीट नहीं मिल पाएगी।
- नंदनी कुमारी, फोटो- 58
- इंटर के बाद कई छात्र दूसरे राज्य में उच्च शिक्षा के लिए चले जाते हैं। रिजल्ट में विलंब होने से उनकी पढ़ाई बाधित होगी। प्रदेश के कॉलेजों में इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ेगा।
- शालिनी प्रिया, फोटो- 59
एक ओर जहां वित्तरहित इंटर शिक्षक समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर पिछले बीस दिनों से हड़ताल पर डटे हैं। शिक्षक नेताओं की शिक्षा मंत्री के साथ अबतक हुई वार्ता विफल रही है। अब नियोजित शिक्षक में समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर सरकार के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों की हड़ताल का सीधा असर इंटर व मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य पर पड़ रहा है।
मालूम हो कि जिले में वैशाली महिला कॉलेज व जमूनी लाल कॉलेज को इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। जबकि गर्ल्स हाई स्कूल, जीए इंटर स्कूल व मुल्कजदा ¨सह हाईस्कूल को मैट्रिक का मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। सभी केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य ठप पड़ रहा है। इधर शिक्षकों की हड़ताल व मूल्यांकन कार्य बाधित होने से इंटर व मैट्रिक के परीक्षार्थियों की बेचैनी बढ़ गई है। छात्र-छात्राओं को अब रिजल्ट आने में देरी व उससे होने वाली परेशानी का भय सताने लगा है। अगर समय पर मैट्रिक व रिजल्ट नहीं आए तो शैक्षणिक सत्र विलंब होने के साथ-साथ अच्छे कॉलेज में नामांकन नहीं होने का भी भय सता रहा है।
अच्छे संस्थान में नामांकन नहीं मिलते का सता रहा डर
इंटर व मैट्रिक के परीक्षार्थियों को मूल्यांकन कार्य नहीं होने से रिजल्ट में विलंब होने का तो भय सता ही रहा है। साथ ही अच्छे संस्थानों में नामांकन नहीं हो पाने का डर भी। सूबे के कई बड़े कॉलेजों में सीबीएसई बोर्ड के बच्चे भी नामांकन कराते हैं। तकनीकी शिक्षा देने वाले अधिकतर संस्थानों में नामांकन प्रक्रिया मई-जून में ही प्रारंभ हो जाता है। दिल्ली, कोटा, हरियाणा, पुणे समेत अन्य राज्यों में भी मई-जून में नामांकन प्रारंभ हो जाता है। अगर समय पर रिजल्ट नहीं आया तो इस वर्ष शायद यहां के छात्र-छात्राओं को दूसरे राज्यों को तो छोड़िए बिहार के भी कई नामचीन कॉलेजों में नामांकन नहीं मिल पाएगा।
क्या कहते हैं परीक्षार्थी
- समय पर इंटर का रिजल्ट नहीं आने पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसका सीधा असर शैक्षणिक सत्र पर पड़ेगा। साथ ही अच्छे कॉलेजों में नामांकन भी नहीं हो पाएंगे।
- रूबी कुमारी, फोटो-55
- मैट्रिक व इंटर का रिजल्ट समय पर नहीं आने पर इसका सीधा असर दूसरे प्रदेशों में उच्च शिक्षा को जाने वाले छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ेगा। अच्छे संस्थानों में नामांकन में परेशानी होगी।
- श्वेता कुमारी, फोटो-56
- समय पर अगर रिजल्ट नहीं आया तो छात्र-छात्राओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। दूसरे राज्यों के कॉलेजों में नामांकन भी नहीं हो पाएगा।
- भोली कुमारी, फोटो- 57
- सरकारी व निजी संस्थानों में नामांकन के लिए मई-जून में ही नोटिस निकल जाती है। रिजल्ट समय पर नहीं आया तो अच्छे कॉलेज में सीट नहीं मिल पाएगी।
- नंदनी कुमारी, फोटो- 58
- इंटर के बाद कई छात्र दूसरे राज्य में उच्च शिक्षा के लिए चले जाते हैं। रिजल्ट में विलंब होने से उनकी पढ़ाई बाधित होगी। प्रदेश के कॉलेजों में इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ेगा।
- शालिनी प्रिया, फोटो- 59