मुंगेर | हिन्दुस्तान संवाददाता बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला कमेटी ने शुक्रवार को शहीद स्मारक के पास एकदिवसीय धरना दिया। धरना में मौजूद शिक्षकों ने सरकार के विरोध में नारे लगाये। शिक्षकों ने कहा कि शिक्षकों के हित में सरकार काम नहीं कर रही है।
जिला सचिव रामानंद कुमार ने कहा कि नियोजित सातवें वेतन का लाभ नहीं देने कीबात कहकर सरकार ने शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। संघ के जिला संयोजक विशाल कुमार राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी समान काम का समान वेतन की घोषणा नहीं करने से सूबे के चार लाख नियोजित शिक्षकों में आक्रोश है। जिला उपाध्यक्ष विजय कुमार सुमन ने कहा कि महागठबंधन सरकार एक ओर जहां न्याय के साथ विकास का झूठा सब्जबाग दिखाती है, वहीं दूसरी ओर नियोजित शिक्षकों की हकमारी कर शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने पर उतारू है। जिला कोषाध्यक्ष राजन कुमार रंजन ने कहा कि बिहार के नियोजित शिक्षकों की चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के समान भी वेतन नहीं है। स्थानीय स्तर पर भी समस्याओं का अंबार है। जमालपुर प्रखंड अध्यक्ष शंकर सुमन ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाली यह सरकार ने जीविका दीदियों के जिम्मे अनुश्रवण का अधिकार देकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मूल भावना से मजाम किया है। धरहरा प्रखंड अध्यक्ष रणजीत साहू ने कहा कि दो वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले सभी नियोजित प्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड-पे का लाभ, यूटीआई पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया है। रवि भास्कर ने कहा कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी आजतक सेवाशर्त नहीं बनाया गया है। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने की। संचालन संगठन सचिव निलेश कुमार ने की। सभा को चंद्रदेव पासवान, मो. गुलजार, निरंजन कुमार सिंह, संजय दास, मंजू कुमारी, कुमारी झरना, कुणाल ने भी संबोधित किया। मौके पर सावन, रंजन, संगीता, विकास चंद्र, हिमांशु, राम कुमार आदि मौजूद थे। धरना को अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक संघ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नवल किाशेर सिंह एवं सुरेश मालाकार सहित शिक्षक नेता अभिषेक राज ने भी समर्थन किया।
जिला सचिव रामानंद कुमार ने कहा कि नियोजित सातवें वेतन का लाभ नहीं देने कीबात कहकर सरकार ने शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। संघ के जिला संयोजक विशाल कुमार राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी समान काम का समान वेतन की घोषणा नहीं करने से सूबे के चार लाख नियोजित शिक्षकों में आक्रोश है। जिला उपाध्यक्ष विजय कुमार सुमन ने कहा कि महागठबंधन सरकार एक ओर जहां न्याय के साथ विकास का झूठा सब्जबाग दिखाती है, वहीं दूसरी ओर नियोजित शिक्षकों की हकमारी कर शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने पर उतारू है। जिला कोषाध्यक्ष राजन कुमार रंजन ने कहा कि बिहार के नियोजित शिक्षकों की चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के समान भी वेतन नहीं है। स्थानीय स्तर पर भी समस्याओं का अंबार है। जमालपुर प्रखंड अध्यक्ष शंकर सुमन ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाली यह सरकार ने जीविका दीदियों के जिम्मे अनुश्रवण का अधिकार देकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मूल भावना से मजाम किया है। धरहरा प्रखंड अध्यक्ष रणजीत साहू ने कहा कि दो वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले सभी नियोजित प्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड-पे का लाभ, यूटीआई पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया है। रवि भास्कर ने कहा कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी आजतक सेवाशर्त नहीं बनाया गया है। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने की। संचालन संगठन सचिव निलेश कुमार ने की। सभा को चंद्रदेव पासवान, मो. गुलजार, निरंजन कुमार सिंह, संजय दास, मंजू कुमारी, कुमारी झरना, कुणाल ने भी संबोधित किया। मौके पर सावन, रंजन, संगीता, विकास चंद्र, हिमांशु, राम कुमार आदि मौजूद थे। धरना को अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक संघ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नवल किाशेर सिंह एवं सुरेश मालाकार सहित शिक्षक नेता अभिषेक राज ने भी समर्थन किया।