दरभंगा। सप्तम वेतनमान से वंचित करने के वित्त सचिव के बयान से नियोजित
शिक्षकों में पनप रहा आक्रोश शुक्रवार को सड़क पर प्रदर्शित हुआ। सुदूर
ग्रामीण क्षेत्र के अलावा नगर शिक्षक शिक्षिकाओं का हुजूम बिहार प्रारंभिक
शिक्षक संघ के बैनर तले कड़कड़ाती ठंड की परवाह नहीं कर कर्पूरी चौक पहुंच
चुका था।
हजारों शिक्षकों व शिक्षिकाओं का हुजूम संघ के अध्यक्ष शंभू यादव, उपाध्यक्ष प्रशांत कुमार यादव, प्रमंडलीय संयोजक बलराम राम से मांग कर रहा था कि सरकार की चूले हिलाने वाला फैसला शीघ्र वापस लिया जाय। जब कर्पूरी चौक नियोजित शिक्षकों की भीड़ से जाम होने लगा तब मार्च आरंभ हुआ। गगन भेदी नारे लगाते हुए शिक्षक समाहरणालनय की ओर चले। आक्रोश से भरे शिक्षकों का नारा इतना बुलंद था कि जैसे वह आज ही आर पार की लड़ाई का फैसला करने वाले हैं। समाहरणालय पर प्रदर्शन के बाद धरनास्थल के समक्ष शिक्षकों की विशाल सभा को संबोधित करते हुए शंभू यादव ने कहा कि नियोजित शिक्षक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए कटिबद्ध है। लेकिन सरकार की दोहरी नीति सदा इसमें बाधा डालकर हमारा मनोबल तोड़ती है। जमशेद आलम ने कहा कि आज जिले के स्कूल खाली पड़े हैं। बिरौल, गौड़ाबौराम, किरतपुर, घनश्यामपुर, बेनीपुर, बिरौल, अलीनगर, जाले, केवटी, ¨सहवाड़ा, हायाघाट, बहादुरपुर, हनुमाननगर और शहर का एक एक नियोजित शिक्षक इस मार्च में सम्मिलित होने आया है। प्रारंभिक शिक्षक संघ इतना शक्तिशाली है कि जब चाहे प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था ठप कर सकता है। प्रशांत कुमार झा, अजय कुमार, मो. सगीर आदि ने कहा कि समान काम, समान वेतन, सेवा शर्त, राज्य कर्मी का दर्जा, पेंशन, अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे आदि हमारी समस्याएं आज भी लंबित हैं। लेकिन सरकार हमारे जले पर मरहम लगाने के बदले नमक छिड़क रही है। तीन दर्जन से अधिक वक्ताओं ने घंटों शिक्षकों में जोश भरा जिनमें प्रमुख थे अजय कुमार, शोभा कांत शर्मा, कमालुद्दीन खां, जिया लाल सदा, प्राणसु ¨सह, नारायणजी झा, मुकेश कुमार, देवेंद्र प्रसाद यादव, अजय मिश्रा, नव नियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजीत झा सुमन, मनोज कुमार राय, टीइटी शिक्षक चंद्रभानु ¨सह, बबलू यादव, सहदेव राय, मनटुन कुमार, विजय कुमार, रूबी कुमारी, मो. जमीम, यास्मीन आरा, सूर्य बली यादव, नजमुल हक, अरुण महतो, कृष्णा पासवान, हरेकृष्ण शर्मा, शैलेंद्र झा, घनश्याम यादव, आशा कुमारी, मेनका कुमारी, गीता ¨सह, पुष्पा कुमारी, प्रकाश झा, बैद्यनाथ भगत।
हजारों शिक्षकों व शिक्षिकाओं का हुजूम संघ के अध्यक्ष शंभू यादव, उपाध्यक्ष प्रशांत कुमार यादव, प्रमंडलीय संयोजक बलराम राम से मांग कर रहा था कि सरकार की चूले हिलाने वाला फैसला शीघ्र वापस लिया जाय। जब कर्पूरी चौक नियोजित शिक्षकों की भीड़ से जाम होने लगा तब मार्च आरंभ हुआ। गगन भेदी नारे लगाते हुए शिक्षक समाहरणालनय की ओर चले। आक्रोश से भरे शिक्षकों का नारा इतना बुलंद था कि जैसे वह आज ही आर पार की लड़ाई का फैसला करने वाले हैं। समाहरणालय पर प्रदर्शन के बाद धरनास्थल के समक्ष शिक्षकों की विशाल सभा को संबोधित करते हुए शंभू यादव ने कहा कि नियोजित शिक्षक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए कटिबद्ध है। लेकिन सरकार की दोहरी नीति सदा इसमें बाधा डालकर हमारा मनोबल तोड़ती है। जमशेद आलम ने कहा कि आज जिले के स्कूल खाली पड़े हैं। बिरौल, गौड़ाबौराम, किरतपुर, घनश्यामपुर, बेनीपुर, बिरौल, अलीनगर, जाले, केवटी, ¨सहवाड़ा, हायाघाट, बहादुरपुर, हनुमाननगर और शहर का एक एक नियोजित शिक्षक इस मार्च में सम्मिलित होने आया है। प्रारंभिक शिक्षक संघ इतना शक्तिशाली है कि जब चाहे प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था ठप कर सकता है। प्रशांत कुमार झा, अजय कुमार, मो. सगीर आदि ने कहा कि समान काम, समान वेतन, सेवा शर्त, राज्य कर्मी का दर्जा, पेंशन, अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे आदि हमारी समस्याएं आज भी लंबित हैं। लेकिन सरकार हमारे जले पर मरहम लगाने के बदले नमक छिड़क रही है। तीन दर्जन से अधिक वक्ताओं ने घंटों शिक्षकों में जोश भरा जिनमें प्रमुख थे अजय कुमार, शोभा कांत शर्मा, कमालुद्दीन खां, जिया लाल सदा, प्राणसु ¨सह, नारायणजी झा, मुकेश कुमार, देवेंद्र प्रसाद यादव, अजय मिश्रा, नव नियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजीत झा सुमन, मनोज कुमार राय, टीइटी शिक्षक चंद्रभानु ¨सह, बबलू यादव, सहदेव राय, मनटुन कुमार, विजय कुमार, रूबी कुमारी, मो. जमीम, यास्मीन आरा, सूर्य बली यादव, नजमुल हक, अरुण महतो, कृष्णा पासवान, हरेकृष्ण शर्मा, शैलेंद्र झा, घनश्याम यादव, आशा कुमारी, मेनका कुमारी, गीता ¨सह, पुष्पा कुमारी, प्रकाश झा, बैद्यनाथ भगत।