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सीवान में सातवें वेतनमान को लेकर शिक्षकों का गुस्सा फूटा

सीवान। कार्यालय संवाददाता सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिलने से जिलेभर के नियोजित शिक्षकों को का शुक्रवार को गुस्सा फूट गया। गुस्साए शिक्षकों ने शहर में प्रदर्शन किया और जेपी चौक पर जाम कर दिया। इस दौरान नाराज शिक्षकों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
शिक्षक कलेक्ट्रेट के गेट पर गए और वहां पर भी प्रदर्शन व नारेबाजी की। शिक्षक संघ के नेताओं ने अपनी विभिन्न मांगों से संबंधित डीएम को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन बिहार राज्य प्रारम्भिक शिक्षक संघ व टीईटी व एसटीई शिक्षक संघ ने किया।

बिहार राज्य प्रारम्भिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मंगल कुमार साह व टीईटी व एसटीईटी संघ के जिलाध्यक्ष रजनीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षकों का विशाल जुलूस शहर के गांधी मैदान से दोपहर एक बजे निकला। जलूस अस्पताल रोड, राजेन्द्र पथ व जेपी चौक होते कलेक्टे्रट गया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्र की मुख्यधारा शिक्षा व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले राज्य के सरकारी विद्यालय में कार्यरत शिक्षक सरकार की दोहरी नीति का कोपभाजन होते जा रहे हैं।

सूबे के लगभग चार लाख प्रारम्भिक , माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक नियोजित शिक्षक व पुस्तकालय अध्यक्ष को राज्य सरकार ने एक जुलाई 2015 से 5200-20200 का वेतनमान दिया, जो छठे वेतन के पुनरीक्षित वेतन पर पूर्ण रूपेण आधारित एवं अनुमान्य है। राज्यकर्मी की भांति महंगाई, आवास भत्ता, चिकित्सा भत्ता एवं वार्षिक वेतन वृद्धि देय है। परंतु राज्य वेतन आयोग के सचिव सदस्य सह सचिव वित्तीय विभाग, बिहार सरकार ने स्पष्ट किया कि नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन का लाभ नहीं मिलेगा, जो शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले समान काम का समान वेतन लागू करने के बावजूद शिक्षकों की सेवा सुविधा में भेदभाव करना राष्ट्र एवं राज्य हित में न्यायोचित नहीं है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 (क)के तहत बच्चों के मौलिक अधिकार शिक्षा का हनन है। प्रदर्शन में अजीत कुमार शर्मा, सुधीर कुमार शर्मा, शाहिद आलम, मनोज कुमार, ललन बैठा,गौतम कुमार मांझी, ओमप्रकाश यादव, वसी अहमद गौसी, सुरेन्द्र पांडेय, अली अबास, मनोज कुमार ठाकुर, जयराम यादव, उपेन्द्र यादव, अनवर अंसारी, संतोष कुमार राय, मृत्युंजय महतो अभिषेक कुमार हरेन्द्र कुमार, मनोज ठाकुर, राजीव सिंह, सुफिसा खातून, संजीदा खातून, अनुराधा सिंह, प्रमोद सिंह, मोहन राम, शैलेश कुमार, हरेन्द्र यादव, ओमप्रकाश यादव आदि शामिल थे।

जुलूस में दिखी शिक्षकों की चट्टानी एकता

सीवान। अपने हक व अधिकार की लड़ाई के लिए शुक्रवार को शहर में जुलूस व प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों में चट्टानी एकता दिखी। शिक्षक नारेबाजी के दौरान हर हाल में अपनी मांगे पूरी होने तक लड़ाई जारी रखने की बात कह रहे थे। दो शिक्षक संघ का शुक्रवार को प्रदर्शन था। लेकिन गांधी मैदान से जब जुलूस निकला तो दोनों संघ के शिक्षक एक ही जुलूस में शामिल हो गए।

इससे जुलूस काफी लंबी हो गई। जुलूस बबुनिया मोड़ से लेकर जेपी तक था। इसमें महिला शिक्षकों की भागीदारी काफी ज्यादा थी। महिलाएं भी नारेबाजी कर आंदोलन को धारदार बना दी।

शहर में चरमरा गई ट्रैफिक व्यवस्था

शिक्षकों के प्रदर्शन से शहर में शुक्रवार को ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। प्रदर्शन को लेकर गांधी मैदान का गेट बंद था। फिर भी शिक्षक साइड वाले दरवाजे से गांधी मैदान में जुट गए। पहले से शिक्षकों का रुट चार्ज कचहरी रोड से निर्धारित था। लेकिन जैसे ही शिक्षकों का आपार हुजूम जुटा।

रुट चार्ट का विस्तार कर दिया गया। जेपी चौक पर सड़क पर ही शिक्षकों के धरना पर बैठ जाने से शहर के सभी सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हुई। तरवारा मोड़ से लेकर बबुनिया मोड़ तक व बबुनिया मोड़ से लेकर सिसवन ढाला तक जाम लगने से गाड़ियां जहां-तहां फंस गई। इसके अलावा दाहा नदी पुल से लेकर कचहरी ढाला तक जाम लग गया। कलेक्टे्रट के बाहर प्रदर्शन करने से दाहा नदी पुल के पास जाम लग गया। शहर के मुख्य सड़कों पर जाम लगने का प्रभाव बाइपास सड़कों पर पड़ा।

शिक्षकों की मुख्य मांगे

1. नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्ष को सातवें वेतन का पूर्णरुपेण लाभ दिया जाए।

2. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में समान काम का समान वेतन लागू किया जाए।

3.राज्य कर्मी की भांति नियोजित शिक्षकों को तमाम सुविधा दी जाएं

4. सेवा शर्त अविलंब लागू की जाए

5.अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे दिया जाए।

6. शिक्षा व्यवस्था को जीविका सदस्य से मुक्त किया जाए।

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