बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में
जनवरी महीने से पैरेंट्स मीटिंग होगी। इसमें उन बच्चों के माता-पिता से
विशेष तौर पर बात की जाएगी जिनके नंबर आठवीं की अर्धवार्षिक परीक्षा में कम
आए हैं। राज्य शिक्षा परियोजना से इसका पत्र जिले में आ चुका है।
शिक्षा विभाग ने बीते अक्टूबर में पहली बार दूसरी से आठवीं तक के छात्रों की परीक्षा ली थी। परीक्षा में मूल्यांकन के बाद कई छात्रों के रिजल्ट खराब आए हैं। ऐसा पूरे सूबे में हुआ है। इसके बाद विभाग ने निर्देश दिया है कि ऐसे छात्रों की पढ़ाई में सुधार के लिए पैरेंट्स मीटिंग और ट्यूटोरियल क्लास लगाई जाए।
डीपीओ एसएसए नसीम अहमद ने बताया कि जनवरी महीने से एमडीएम के बाद दो घंटे स्कूल में ट्यूटोरियल क्लास लगेगी। इसमें विषय के शिक्षक ही पढ़ाएंगे। यानी छात्र की अंग्रेजी कमजोर है तो अंग्रेजी के ही शिक्षक ऐसे छात्रों की विशेष कक्षा लेंगे।
इसके अलावे हर महीने के अंतिम शनिवार को स्कूल में पैरेंट्स मीटिंग होगी जिसमें बच्चों की रिपोर्ट उन्हें दिखायी जाएगी। छात्र की प्रगति का पूरा ब्योरा अभिभावकों के सामाने रखा जाएग और इस पर चर्चा भी होगी। निजी स्कूलों की तरह रिपोर्ट कार्ड पर अभिभावकों से हस्ताक्षर भी लिए जाएंगे।
शिक्षा विभाग ने बीते अक्टूबर में पहली बार दूसरी से आठवीं तक के छात्रों की परीक्षा ली थी। परीक्षा में मूल्यांकन के बाद कई छात्रों के रिजल्ट खराब आए हैं। ऐसा पूरे सूबे में हुआ है। इसके बाद विभाग ने निर्देश दिया है कि ऐसे छात्रों की पढ़ाई में सुधार के लिए पैरेंट्स मीटिंग और ट्यूटोरियल क्लास लगाई जाए।
डीपीओ एसएसए नसीम अहमद ने बताया कि जनवरी महीने से एमडीएम के बाद दो घंटे स्कूल में ट्यूटोरियल क्लास लगेगी। इसमें विषय के शिक्षक ही पढ़ाएंगे। यानी छात्र की अंग्रेजी कमजोर है तो अंग्रेजी के ही शिक्षक ऐसे छात्रों की विशेष कक्षा लेंगे।
इसके अलावे हर महीने के अंतिम शनिवार को स्कूल में पैरेंट्स मीटिंग होगी जिसमें बच्चों की रिपोर्ट उन्हें दिखायी जाएगी। छात्र की प्रगति का पूरा ब्योरा अभिभावकों के सामाने रखा जाएग और इस पर चर्चा भी होगी। निजी स्कूलों की तरह रिपोर्ट कार्ड पर अभिभावकों से हस्ताक्षर भी लिए जाएंगे।