सुपौल। सरकार की संचालित योजनाओं का लाभ पाने के लिए प्राथमिक व माध्यमिक
विद्यालयों में फर्जी नामांकन करा कर योजनाओं का लाभ लेने के मामले अक्सर
प्रकाश में आते रहे हैं। सरकार ने फर्जीवाड़ा के नामांकन पर रोक लगाने के
लिए स्कूली छात्र-छात्राओं को यूनिक आईडी नंबर देने की कवायद शुरू कर दी
है।
इसके लिए शिक्षा विभाग स्कूल स्तर पर तिथि निर्धारित कर प्रक्रिया में जुट चुका है। शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत वर्ग 9 से 12वीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को यूनिक आईडी नंबर से जोड़ कर पहचान होगी, जिसमें देश के किसी भी राज्य चले जाने पर उनकी पहचान हो जाएगी। बता दें कि स्कूलों के फर्जी नामांकन के माध्यम से चल रही योजनाओं के फर्जीवाड़ा पर रोक लगाने के लिए माध्यमिक स्कूलों के बच्चे को यूनिक आईडी नंबर से जोड़ा जाएगा। इसमें वर्ग 9 से 12 वीं तक के बच्चे शामिल होंगे। उक्त आईडी को कम्प्यूटर में डालने से संबंधित बच्चे का पूरा ब्यौरा सामने आ जाएगा। बच्चों की संख्या से लेकर सरकारी योजनाओं तक के फर्जीवाड़ा पर नकेल कसने की यह नई व्यवस्था सरकार द्वारा बनाई गई है। पूछने पर जिला माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यक्रम पदाधिकारी अमर भूषण ने बताया कि इसके तहत यू डायस फॉर्म के माध्यम से बच्चों का डाटा तैयार करना है। बच्चे के डाटा तैयारी करने का जिम्मा विद्यालय प्रधान के पास होगा। इसके तहत विद्यालयवार सूची बनाने का निर्देश दिया गया है। ताकि बच्चों का शत-प्रतिशत आधार कार्ड बना कर उनके बैंक एकाउंट से जोड़ दिया जाएगा तथा यू डायस फॉर्म के माध्यम से उनका कोड उपलब्ध कर दिया जाएगा।
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इसके लिए शिक्षा विभाग स्कूल स्तर पर तिथि निर्धारित कर प्रक्रिया में जुट चुका है। शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत वर्ग 9 से 12वीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को यूनिक आईडी नंबर से जोड़ कर पहचान होगी, जिसमें देश के किसी भी राज्य चले जाने पर उनकी पहचान हो जाएगी। बता दें कि स्कूलों के फर्जी नामांकन के माध्यम से चल रही योजनाओं के फर्जीवाड़ा पर रोक लगाने के लिए माध्यमिक स्कूलों के बच्चे को यूनिक आईडी नंबर से जोड़ा जाएगा। इसमें वर्ग 9 से 12 वीं तक के बच्चे शामिल होंगे। उक्त आईडी को कम्प्यूटर में डालने से संबंधित बच्चे का पूरा ब्यौरा सामने आ जाएगा। बच्चों की संख्या से लेकर सरकारी योजनाओं तक के फर्जीवाड़ा पर नकेल कसने की यह नई व्यवस्था सरकार द्वारा बनाई गई है। पूछने पर जिला माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यक्रम पदाधिकारी अमर भूषण ने बताया कि इसके तहत यू डायस फॉर्म के माध्यम से बच्चों का डाटा तैयार करना है। बच्चे के डाटा तैयारी करने का जिम्मा विद्यालय प्रधान के पास होगा। इसके तहत विद्यालयवार सूची बनाने का निर्देश दिया गया है। ताकि बच्चों का शत-प्रतिशत आधार कार्ड बना कर उनके बैंक एकाउंट से जोड़ दिया जाएगा तथा यू डायस फॉर्म के माध्यम से उनका कोड उपलब्ध कर दिया जाएगा।
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