--> <!--Can't find substitution for tag [post.title]--> | The Bihar Teacher Times - बिहार शिक्षक नियोजन

LIVE : UPTET Result 2021

Breaking Posts

यहां तो नामांकन के बाद ही छूट जाती पढ़ाई

सुपौल। कोसी के इलाके के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा देने के लिए स्थापित ललित पीड़ित कोसी उच्च विद्यालय बनैनिया बलथरवा बीते 6 वर्षो से बदहाल बना है। भवन तथा भूमि विहीन इस विद्यालय में छात्र-छात्राओं का नामाकन तो होता है लेकिन कक्षाएं नहीं लगती है। इस विद्यालय की स्थापना भारत सरकार के पूर्व रेल मंत्री स्व.ललित नारायण मिश्र के नाम पर क्षेत्र के वरिष्ठ समाजवादी नेता तत्कालीन सांसद स्व.गुणानंद ठाकुर द्वारा कराया गया था। स्थापना के बाद से यह विद्यालय कोसी के इलाके का गौरव बना रहा। इस विद्यालय में बनैनिया, बलथरवा, कटैया, ढोली, औरही, सनताहा डीह, सियानी, झकराही, इटहरी,
परवाहा, छपकी, सदानंदपुर, मौरा, रहरीया, थरीया, पिपराही सहित अन्य गाव के छात्र- छात्रा मध्य विद्यालय की शिक्षा पूरा करने के बाद पढ़ने आते थे। वर्ष 2010 में कोसी नदी के प्रलय से तहस नहस हो गया। गाव के लोगों के साथ विद्यालय भी विस्थापित होकर पूर्वी तटबंध के किनारे आ गया। करीब एक वर्ष तक विद्यालय का संचालन तटबंध किनारे होता रहा। इस बीच वहा छात्र-छात्राओं का किल्लत बना रहा। फिर इसका संचालन भपटियाही बाजार स्थित मध्य विद्यालय भपटियाही के एक कमरे में किया जाने लगा। पोषक क्षेत्र से काफी दूरी में चलने वाले इस उच्च विद्यालय को अपना वजूद बचाने की चुनौती खड़ी है। विद्यालय के शिक्षक पोषक क्षेत्र के छात्र-छात्राओं का जैसे तैसे तो नामांकन कर लेते हैं। लेकिन कक्षाएं नहीं चलती। विद्यालय में फिलहाल 9 शिक्षक नियुक्त हैं। पूछने पर कुछ शिक्षक कहते हैं कि वहा नामांकित छात्र-छात्रा विभिन्न प्रख्ाडों के हैं। उन सबों के लिए कक्षा आना संभव नहीं है।
- माया बाबू की नगरी में शिक्षा का अंधेरा
देश के जाने माने लेखक स्व. माया नंद मिश्र उर्फ माया बाबू का पैतृक घर बनैनिया है। उनके गाव के इस उच्च विद्यालय के बेहाल होने से लोगों में निराशा है। लोग कहते है की बनैनिया की धरती पर पैदा हुए माया बाबू शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी ख्याति प्राप्त किये। इस धरती ने कई हस्तियों को पैदा किया लेकिन आज वही गाव उच्च शिक्षा के साधन से विहीन है। बनैनिया उच्च विद्यालय को एक इंच जमीन नहीं रह गई है। इस कारण उसका भवन नहीं बन पा रहा है। विद्यालय में आवश्यक संसाधन की कमी से बच्चे वहा पढने नहीं जाते। जबकि उक्त विद्यालय से एक किलोमीटर दूरी पर अवस्थित बिहारी गुरमैता उच्च विद्यालय भपटियाही में छात्र-छात्राओं की भीड़ लगी रहती है। गाव के कई लोग कहते हैं कि बनैनिया उच्च विद्यालय सरकारी स्तर से भी उपेक्षित है।
- उच्च शिक्षा का टूट गया सपना

बनैनिया पोषक क्षेत्र में पड़ने वाले गांवों के छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा प्राप्त करने का समना टूट चुका है। कोसी की मार से बिछुड़ चुके इलाके के लोग आर्थिक रुप से कमजोर हो चुके हैं। इन लोगो को अपने बच्चों को मध्य विद्यालय के बाद पढ़ाई कराना आसान नहीं रह गया। लोग चाह कर भी छात्र-छात्राओं को बाहर के विद्यालय में नहीं भेज सकते हैं। कोसी के लोग कहते हैं कि बनैनिया उच्च विद्यालय को यदि सुविधाओं से लैश किया जाता है तो उनके बच्चे अब भी पढ़ सकते हैं।

सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

Popular Posts

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();