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शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा उजागर : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

समस्तीपुर। इनायतपुर पंचायत में हुए शिक्षक नियोजन को न सिर्फ रद्द किया गया बल्कि नियोजन इकाई के अध्यक्ष तथा सचिव को 50-50 हजार रूपये का अर्थदण्ड भी दिया गया है। उक्त फैसला करते हुए शिक्षक नियोजन जिला अपीलीय प्राधिकार समस्तीपुर ने मुखिया को पदच्यूत करने तथा पंचायत सचिव पर विधि-सम्मत विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा जिलाधिकारी से की। मामला इनायतपुर पंचायत में वर्ष 2008 के आधार पर शिक्षक नियोजन का है। इस संबंध में प्रसून कुमार राय के द्वारा प्राधिकार को नियोजन के विषय में शिकायत की गई थी तथा मामला प्राधिकार को देकर हुई गड़बड़ी की जांच की मांग की गयी। जांच के बाद प्राधिकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। इस मामले के तहत पांच शिक्षकों का नियोजन भी रद्द कर दिया गया है।

क्या है मामला
इनायतपुर पंचायत नियोजन इकाई ने पांच शिक्षकों के पद के लिए वर्ष 2008 में आवेदन लिया था। लिये गये आवेदन के बाद मेधा सूची बनाकर पहला नियोजन 2010 में किया गया परन्तु इसमें अनियमितता की शिकायत प्राधिकार से की गई। जांचोपरान्त प्राधिकार ने इस नियोजन को रद्द कर दिया। बाद में वर्ष 2011 में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का काउन्सि¨लग कराकर दुबारे उन्हीं लोगों का नियोजन दुबारे कर दिया गया जिसे प्राधिकार ने पूर्व में रद्द कर दिया था। फिर 16 मार्च 2012 में राज्य सरकार द्वारा 34540 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति हुई तो नियोजित इनायतपुर पंचायत के शिक्षकों का भी चयन हो गया। बाद में पंचायत के द्वारा नियोजन की समय सीमा समाप्त हो गयी फिर भी मुखिया के द्वारा पूर्व के दिये गये आवेदन को दरकिनार कर दिया गया और पूर्व के आवेदकों को नजरअंदाज करते हुए दुबारे नियुक्ति कर दी गयी।तीन-तीन लाख रुपया लेकर किया गया नियोजन
इन शिक्षकों का जिक्र 2008 के आवेदन जमा पंजी में कहीं नहीं है। प्राधिकार ने अपने फैसले में यह भी लिखा गया है कि तीन-तीन लाख रूपये लेकर मुखिया तथा विभागीय अधिकारियों के द्वारा शिक्षक पद पर नियोजन किया गया था। यह भी आरोप लगाया गया था कि मुखिया के पति एवं पंचायत समिति सदस्य काउंस¨लग पंजी लेकर भाग गये जिसका विडियोग्राफ प्राधिकार को उपलब्ध करा दिया गया था। फैसला में यह भी लिखा गया है कि तत्कालीन पंचायत समिति सदस्य उस समय शिक्षक पद पर नियोजित भी हो गये। प्राधिकार ने कई वरीय अधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिखा किन्तु मामले पर कोई सुनवाई नहीं हुई। प्राधिकार ने सूचना देकर आवेदकों, पंचायत समिति सदस्य, पंचायत सचिव, बीडीओ, पंचायती राज पदाधिकारी तथा मुखिया को ठोस अभिलेख व प्रमाण के साथ बुलाया किन्तु मुखिया उपस्थित नहीं हो सकी। तत्कालीन पंचायत सचिव अनिल कुमार चौधरी वर्तमान में ¨सघिया प्रखंड में पदस्थापित है। प्रसून कुमार राय ने इस गड़बड़ी को प्राधिकार को सौंपा तथा वाद संख्या 05/2013 में सुनवाई की गयी। प्रसून ने मामले को सीएम के जनता दरबार में पहुंचाया।
लिया गया निर्णय
प्राधिकार ने सभी शिक्षकों का नियोजन रद्द कर दिया है। मुखिया को पदच्यूत करने की सिफारिश की है। पंचायत सचिव पर विभागीय कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। मुखिया तथा पंचायत सचिव पर 50-50 हजार का अर्थदण्ड दिया गया है।

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