किशनगंज। मध्य विद्यालय गुठनीगच्छ के पंचायत शिक्षक महबूब आलम व मध्य विद्यालय भोगडावर के प्रखंड शिक्षक मो. हसीब ने अपना त्यागपत्र प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मजलूम अंसारी को सौंप दिया है। यह जानकारी स्वयं बीईओ ने शुक्रवार को दी। विदित हो कि उच्च न्यायालय पटना के आदेश पर नौ जुलाई तक फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे शिक्षकों को त्यागपत्र देने पर विधिक कार्रवाई से मुक्ति मिल जाएगी। लिए गए वेतन की वसूली भी नहीं होगी। अन्यथा निगरानी विभाग उक्त मामले की जांच कर रही है।
तीन महीने के अंदर फर्जी प्रमाणपत्र पर कार्यरत शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज होगी, वसूली भी होगी और जेल जाना होगा। इस बात को लेकर फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मच हुआ है। ज्ञात हो कि प्रखंड में फर्जी विकलांग पत्र के साथ दर्जनों की संख्या में फर्जी शिक्षक कार्यरत है। इस संबंध में शिक्षा प्रसार पदाधिकारी मजलूम अंसारी भी शिक्षकों द्वारा इस्तीफा की बात को स्वीकारते हुए बताया कि यदि नौ जुलाई 2015 तक फर्जी शिक्षक द्वारा इस्तीफा नहीं सौंपा गया तो उन पर जांचोपरांत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तीन महीने के अंदर फर्जी प्रमाणपत्र पर कार्यरत शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज होगी, वसूली भी होगी और जेल जाना होगा। इस बात को लेकर फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मच हुआ है। ज्ञात हो कि प्रखंड में फर्जी विकलांग पत्र के साथ दर्जनों की संख्या में फर्जी शिक्षक कार्यरत है। इस संबंध में शिक्षा प्रसार पदाधिकारी मजलूम अंसारी भी शिक्षकों द्वारा इस्तीफा की बात को स्वीकारते हुए बताया कि यदि नौ जुलाई 2015 तक फर्जी शिक्षक द्वारा इस्तीफा नहीं सौंपा गया तो उन पर जांचोपरांत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्रधारी हैं कई शिक्षक
-फर्जी विकलांग प्रमाणपत्र ही नहीं कई शिक्षक अनुसूचित जाति के फर्जी प्रमाणपत्र पर भी शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। ऐसे लोगों की सूची बीइओ द्वारा सूचना के अधिकार के तहत दी गई है। उक्त सभी शिक्षक नौ जुलाई तक अपने पद से त्यागपत्र नहीं दिए तो प्राथमिकी की जद में आ जाएंगे। इसके बाद उक्त लोग किसी भी सरकारी सेवा में नौकरी करने के अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे।
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