मधेपुरा। पुरैनी प्रखंड के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में दर्जनों फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के बल पर नौकरी कर रहे हैं। जबकि उच्च न्यायालय ने ऐसे शिक्षकों को त्यागपत्र देने का निर्देश दिया है। लेकिन ऐसे शिक्षकों पर इन आदेशों का कोई असर नहीं हो रहा है। ऐसे शिक्षक अब भी सेटिंग-गेटिंग के फिराक में हैं।
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मालूम हो कि की वर्ष 2003 से लेकर अबतक कई चरणों में हुए शिक्षक नियोजन में नियोजन ईकाई की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा कर दर्जनों शिक्षकों बहाल हो गए। जो प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत हैं। लेकिन निगरानी ब्यूरो द्वारा शुरु किये गये जाच प्रक्रिया शुरु होने शिक्षकों में हड़कंप मचा है। बीआरपी मणि राम ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के एक भी शिक्षकों ने अपना त्यागपत्र नहीं सौंपा है।
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