भागलपुर: सूबे
व सूबे के बाहर के संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए एडमिशन का समय शुरू
हो चुका है. मेडिकल-इंजीनियरिंग हो, प्रोफेशनल कोर्स हो या फिर अन्य
परंपरागत कोर्स, हर छात्र अच्छे से अच्छे संस्थान में एडमिशन लेना चाहते
हैं. कई संस्थानों में आवेदन करने की स्थिति में उनके सामने दो दिक्कतें
आती हैं.
पहला कि काउंसेलिंग के समय एक संस्थान यदि मूल प्रमाणपत्र जमा ले ले, तो दूसरे संस्थान के लिए काउंसेलिंग कैसे करायेंगे. दूसरी दिक्कत कि एक संस्थान में एडमिशन से पहले फीस देने पर यदि दूसरे संस्थान में एडमिशन हो जाता है, तो फीस वापसी कैसे हो. नये सत्र से ये दोनों ही परेशानियों से उन्हें मुक्ति मिलेगी. स्टूडेंट्स की समस्या को समझते हुए यूजीसी ने सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी छात्र के ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स अपने पास जमा कर नहीं रख सकते हैं.
उन्हें डॉक्यूमेंट्स की जांच-पड़ताल कर, उसकी फोटोकॉपी कर ओरिजनल को वापस करना होगा. अब तक अधिकतर संस्थान काउंसेलिंग के समय सीट पक्की करने के मकसद से ओरिजनल सर्टिफिकेट अपने पास रख लेते थे, जिसके कारण छात्रों के पास कोई विकल्प नहीं रह जाता था. इस संबंध में पूर्व से भी यूजीसी ने गाइडलाइन दे रखा है, लेकिन अधिकतर संस्थान इसकी अवहेलना करते थे. इस कारण यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को चिट्ठी भेज कर इस गाइडलाइन की याद दिलायी है. यदि कोई संस्थान ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स की मांग करता है तो संबंधित विभाग में शिकायत कर सकते हैं.
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पहला कि काउंसेलिंग के समय एक संस्थान यदि मूल प्रमाणपत्र जमा ले ले, तो दूसरे संस्थान के लिए काउंसेलिंग कैसे करायेंगे. दूसरी दिक्कत कि एक संस्थान में एडमिशन से पहले फीस देने पर यदि दूसरे संस्थान में एडमिशन हो जाता है, तो फीस वापसी कैसे हो. नये सत्र से ये दोनों ही परेशानियों से उन्हें मुक्ति मिलेगी. स्टूडेंट्स की समस्या को समझते हुए यूजीसी ने सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी छात्र के ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स अपने पास जमा कर नहीं रख सकते हैं.
उन्हें डॉक्यूमेंट्स की जांच-पड़ताल कर, उसकी फोटोकॉपी कर ओरिजनल को वापस करना होगा. अब तक अधिकतर संस्थान काउंसेलिंग के समय सीट पक्की करने के मकसद से ओरिजनल सर्टिफिकेट अपने पास रख लेते थे, जिसके कारण छात्रों के पास कोई विकल्प नहीं रह जाता था. इस संबंध में पूर्व से भी यूजीसी ने गाइडलाइन दे रखा है, लेकिन अधिकतर संस्थान इसकी अवहेलना करते थे. इस कारण यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को चिट्ठी भेज कर इस गाइडलाइन की याद दिलायी है. यदि कोई संस्थान ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स की मांग करता है तो संबंधित विभाग में शिकायत कर सकते हैं.
पहले नहीं जमा करनी पड़ेगी फीस
पत्र में यूजीसी ने संस्थानों को साफ निर्देश दिया है कि अब कोई भी
संस्थान स्टूडेंट के एडमिशन से पहले फीस नहीं ले सकती. किसी मामले में अगर
किसी छात्र का एडमिशन कहीं और हो जाता है और उक्त संस्थान में उसे एडमिशन
रद्द करना पड़े, तो कहीं और सेलेक्ट हो जाता है और उसे एडमिशन रद्द करानी
पड़े तो यूनिवर्सिटी प्रोसेसिंग फीस के तौर पर कोई चार्ज नहीं लेगा. पूरी
फीस स्टूडेंट को लौटाना होगा.
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