बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ अंचल इकाई पचरूखी की एक बैठक संघ कार्यालय वैशाखी में अंचल सचिव Jai Prakash Singh जी की अध्यक्षता में की गयी।इसमें सिवान जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुकंपा पर कार्यरत शिक्षकों के बर्खास्तगी पर चर्चा की गयी।जिसमें डीईओ के इस आदेश कि 31 मार्च 2015 के बाद से अप्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध ठहराने पर काफी विचार-विमर्श किया गया।
राज्य प्रतिनिधि राकेश कुमार सिंह ने बताया कि डीईओ साहब का उक्त आदेश न्यायसंगत नहीं है।क्योंकि विभागीय आदेश के अनुसार दिसंबर 2010 के बाद से कोई भी नियोजन गैर टीईटी वाले का नहीं होना था सिवाय अनुकंपा आधारित नियोजन के इसके बावजूद भी शिक्षा माफियाओं ने सैकड़ों शिक्षकों का नियोजन किया गया है।श्री सिंह ने बताया कि इधर हाल के " निदेशक प्राथमिक शिक्षा के ज्ञापांक 7/विविध-29/2016-606 दिनांक 7 मई 2016 के द्वारा यह आदेशित किया गया था कि गैर टीईटी का नियोजन बिना विभागीय अनुमति के कोर्ट के आदेश पर भी नहीं करना है "के बावजूद जिले में शिक्षा माफिया एवं विभाग की मिलीभगत से सैंकड़ों शिक्षक अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर कार्यरत हैं ।जिनके वेतन निकलवाने की प्रक्रिया भी चल रही है।परंतु सारी सूचना के बावजूद ऐसे लोगों के खिलाफ विभाग हाईकोर्ट नहीं जा रहा है।बल्कि अनुकंपा पर हुई नियुक्ति जो कि सरकार के स्तर से प्रक्रियाधीन है का हवाला देते हुए बताया कि जब शिक्षा सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने अपने पत्रांक 1311 दिनांक 28.12.16 के द्वारा एन सी टी ई के क्षेत्रीय निदेशक से अनुकंपा पर नियुक्त शिक्षकों के लिए छह वर्षों के अंदर प्रशिक्षण और टीईटी परीक्षा उतीर्ण होने की छूट मांगी है तो डीईओ का उक्त निर्देश यह दर्शाता है कि या तो डीईओ साहब से उनके अधीनस्थ कर्मियों ने या तो यह बात छुपाई है या शिक्षा माफियाओं के डीईओ भी लाचार हैं।लेकिन संघ लाचार नहीं है।वह इस मनमाने आदेश के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।मौके पर भूपेश कुमार,अशोक राम,अमूल कुमार,संतोष पांडेय,धर्मेंद्र सिंह,अजय राम,अजय शर्मा,संगीता कुमारी,सीमा कुमारी,स्मिता कुमारी,कलावती देवी,सुनील साह सहित दर्जनों शिक्षक उपस्थित थे।
राज्य प्रतिनिधि राकेश कुमार सिंह ने बताया कि डीईओ साहब का उक्त आदेश न्यायसंगत नहीं है।क्योंकि विभागीय आदेश के अनुसार दिसंबर 2010 के बाद से कोई भी नियोजन गैर टीईटी वाले का नहीं होना था सिवाय अनुकंपा आधारित नियोजन के इसके बावजूद भी शिक्षा माफियाओं ने सैकड़ों शिक्षकों का नियोजन किया गया है।श्री सिंह ने बताया कि इधर हाल के " निदेशक प्राथमिक शिक्षा के ज्ञापांक 7/विविध-29/2016-606 दिनांक 7 मई 2016 के द्वारा यह आदेशित किया गया था कि गैर टीईटी का नियोजन बिना विभागीय अनुमति के कोर्ट के आदेश पर भी नहीं करना है "के बावजूद जिले में शिक्षा माफिया एवं विभाग की मिलीभगत से सैंकड़ों शिक्षक अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर कार्यरत हैं ।जिनके वेतन निकलवाने की प्रक्रिया भी चल रही है।परंतु सारी सूचना के बावजूद ऐसे लोगों के खिलाफ विभाग हाईकोर्ट नहीं जा रहा है।बल्कि अनुकंपा पर हुई नियुक्ति जो कि सरकार के स्तर से प्रक्रियाधीन है का हवाला देते हुए बताया कि जब शिक्षा सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने अपने पत्रांक 1311 दिनांक 28.12.16 के द्वारा एन सी टी ई के क्षेत्रीय निदेशक से अनुकंपा पर नियुक्त शिक्षकों के लिए छह वर्षों के अंदर प्रशिक्षण और टीईटी परीक्षा उतीर्ण होने की छूट मांगी है तो डीईओ का उक्त निर्देश यह दर्शाता है कि या तो डीईओ साहब से उनके अधीनस्थ कर्मियों ने या तो यह बात छुपाई है या शिक्षा माफियाओं के डीईओ भी लाचार हैं।लेकिन संघ लाचार नहीं है।वह इस मनमाने आदेश के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।मौके पर भूपेश कुमार,अशोक राम,अमूल कुमार,संतोष पांडेय,धर्मेंद्र सिंह,अजय राम,अजय शर्मा,संगीता कुमारी,सीमा कुमारी,स्मिता कुमारी,कलावती देवी,सुनील साह सहित दर्जनों शिक्षक उपस्थित थे।