संवाद सहयोगी, लखीसराय। बिहार के लखीसराय जिले में छठे चरण के शिक्षक नियोजन 2019 की प्रक्रिया अब अंतिम पड़ाव में पहुंच गई है। करीब तीन साल के लंबे इंतजार के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों को सरकारी स्कूलों में
शिक्षक बनने का सपना जल्द पूरा होने वाला है। मंगलवार को मुख्यालय स्थित जिला परिषद सभागार में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह एडीएम इबरार आलम की निगरानी में जिला परिषद माध्यमिक एवं प्लस टू शिक्षकों के रिक्त पदों के विरुद्ध चयनित अभ्यर्थियों से सहमति पत्र प्राप्त किया गया। जिला परिषद नियोजन इकाई द्वारा माध्यमिक और प्लस टू शिक्षकों के लिए कराए गए काउंसलिंग में शामिल सभी अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। लेकिन अभ्यर्थियों की उपस्थिति काफी कम रही।मिली जानकारी के अनुसार जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक के लिए चयनित 83 अभ्यर्थियों में से मात्र 29 अभ्यर्थी शामिल होकर अपना-अपना पात्रता परीक्षा पास सर्टिफिकेट के साथ सहमति पत्र भरकर जमा किया। 54 अभ्यर्थी सूचना के बाद भी नही आए। जिला परिषद प्लस टू शिक्षक के कुल 11 अभ्यर्थियों में से सिर्फ सात अभ्यर्थी ने अपना सहमति पत्र भरा। चार अभ्यर्थी उपस्थित नहीं हुए। जिन शिक्षक अभ्यर्थियों ने सहमति पत्र भरा है उन सभी को जिले के नव उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में प्राथमिकता के आधार पर पदस्थापन किया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों को 26 अगस्त को जिला परिषद सभागार में जिला परिषद अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नियोजन पत्र वितरण किया जाएगा।
जिले के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय पोखरामा में कार्यरत शिक्षक सुमित कुमार (जिला परिषद सदस्य नारायण तांती के पुत्र) भी गणित विषय में वरीयता के आधार पर सहमति पत्र भरने पहुंचे। लेकिन नियमानुसार शिक्षक की नौकरी करते हुए दुबारा नियोजन में शामिल नहीं होने की बाध्यता के कारण बैरंग लौटना पड़ा। सुमित से सहमति पत्र भरवाने के लिए कतिपय दिग्गजों द्वारा दवाब भी डाला गया। लेकिन नियम के आगे जुगाड़ काम नहीं आया। नियोजन कार्य में अभ्यर्थियों से सहमति पत्र प्राप्त करने के लिए शिक्षक शशि शेखर कुमार, मनोज कुमार, संतोष कुमार, अविनाश कुमार, प्रधानाध्यापक रामानुज कुमार, राकेश कुमार, अशोक कुमार, रामानन्द कुमार की प्रतिनियुक्ति की गई थी।